भारतीय-अमेरिकी डॉ. भरत बराई का कहना है कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) का असल उद्देश्य लोगों की सेवा करना है, दोस्त नियुक्त करना नहीं। यह जानना महत्वपूर्ण है कि भाजपा संस्थापकों ने इसकी आधारशिला लोगों की सेवा करने वाली पार्टी के रूप में रखी थी। यह भारत माता की 'सेवा' के लिए है, न कि इस अध्यक्ष और उस अध्यक्ष के पद पर अपने दोस्तों और रिश्तेदारों को अपना मंत्री नियुक्त करना ताकि वे इस निगम या उस निगम से धन प्राप्त करें और भ्रष्टाचार चलने दें। बराई अमेरिका में ओवरसीज फ्रेंड्स ऑफ बीजेपी द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में बोल रहे थे।
बराई ने कहा कि भाजपा के पास हिंदुओं के बीच विभाजन और चल रही पीड़ा को रोकने के लिए अनुसूचित जातियों, अनुसूचित जनजातियों और अन्य पिछड़ी जातियों (ओबीसी) का समर्थन करने के अलावा कोई विकल्प नहीं है। हम इस सिद्धांत को पसंद करते हैं। हर किसी को लोकतंत्र की खूबियों के आधार पर प्रोत्साहन मिलना चाहिए। अगर आप सत्ता में आना चाहते हैं और अगर आप देश के लिए सकारात्मक बदलाव लाना चाहते हैं तो हमें यह देखने की कोशिश करनी होगी कि सभी हिंदू आगे आएं।
चुनाव नतीजों पर मंथन की दरकार
बराई ने आत्मा की आवाज सुनने पर जोर दिया और सवाल उठाया कि भाजपा के नेतृत्व वाले राजग ने 400 के बजाय केवल 292 सीटें क्यों हासिल कीं और पहले पूर्ण बहुमत होने के बावजूद भाजपा ने खुद केवल 240 सीटें ही क्यों हासिल कीं। हमें आत्म-बलिदान की ओर बढ़ना चाहिए। आत्मावलोकन से हमें यह समझने में मदद मिलेगी कि अगली बार हमें क्या करना चाहिए।
बराई ने कहा कि लगता है अबकी बार 400 पार का नारा प्रतिउत्पादक रहा। मुझे लगता है इसने अहित किया। इस नारे को सुनने के बाद लोगों को लगने लगा कि उनका वोट बेकार जाने वाला है। वोट न देने से कोई अंतर नहीं पड़ने वाला। लिहाजा वे वोट देने के लिए घर से नहीं निकले। फिर तापमान भी बहुत था।
भ्रष्टाचार है, पर ऊपर नहीं
बराई ने भ्रष्टाचार की मौजूदगी को स्वीकार किया, भले ही सरकार के उच्च स्तरों पर नहीं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि हालांकि मोदी जैसे नेता और अधिकांश कैबिनेट मंत्री बेदाग हैं, लेकिन आरोप अभी कायम हैं। उन्होंने कहा- भाजपा एक अलग पार्टी है जहां सत्ता का मतलब लोगों की सेवा करना है।
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