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भारतीय तकनीकी विशेषज्ञ का शव यूएस पार्क में बरामद, बर्फीले तूफान में गई जान

पाटिल 6 जुलाई, 2024 को बर्फीले तूफान की चपेट में आकर पानी की गहराइयों में समा गये थे।

सांकेतिक तस्वीर : पाटिल का शव (अवशेष) 4 अगस्त की सुबह बरामद किया गया। / pexels

मोंटाना के ग्लेशियर नेशनल पार्क के पार्क रेंजर्स ने कई हफ्तों की गहन खोज के बाद 26 वर्षीय भारतीय तकनीकी विशेषज्ञ सिद्धांत विट्ठल पाटिल का शव बरामद (अवशेष) कर लिया है। पाटिल 6 जुलाई, 2024 को बर्फीले तूफान की चपेट में आ गये थे। पाटिल का शव 4 अगस्त की सुबह लगभग 10:30 बजे बरामद हुआ। पार्क में आने वालों ने इसकी सूचना दी थी। सूचना पाकर रेंजर्स ने तुरंत खाड़ी से अवशेष बरामद कर लिए।

मूल रूप से महाराष्ट्र (भारत) के रहने वाले पाटिल कैलिफोर्निया में रह रहे थे। वहां उन्होंने एक प्रौद्योगिकी पेशेवर के रूप में काम किया। 6 जुलाई को पाटिल एवलांच लेक ट्रेल पर एक घाटी के ऊपर दोस्तों के साथ पदयात्रा कर रहा थे, मगर रास्ता भटक गये।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार संभवतः बेहतर दृश्य देखने के लिए पाटिल एक बड़ी चट्टान पर चढ़ गए, लेकिन गीली सतह पर फिसल गए या अपना संतुलन खो बैठे। इस कारण वह एवलांच क्रीक के तेज पानी में गिर गए। दोस्त और आसपास खड़े लोग असहाय होकर देखते रहे मगर पाटिल पानी के अंदर समा गये। 

जुलाई 10 को पार्क के एक बयान से संकेत मिलता है कि रेंजर्स क्षेत्र की निगरानी कर रहे थे और पाटिल के कुछ निजी सामान को नदी के किनारे से बरामद करने में कामयाब रहे।  उन्होंने खोज में सहायता के लिए एक ड्रोन भी तैनात किया, लेकिन यह असफल साबित हुआ। खाड़ी की गहराई, अशांति और गिरे हुए पेड़ों और चट्टानों सहित पानी के नीचे की बाधाओं के कारण खोज के प्रयास जटिल थे। अधिकारियों को अब संदेह है कि इन जलमग्न बाधाओं ने शव को फंसा दिया था। 

सिद्धांत के चाचा प्रीतेश चौधरी ने खोज प्रयासों के लिए पार्क रेंजर्स और भारतीय अमेरिकी समुदाय के नेता प्रेम भंडारी के प्रति गहरा आभार व्यक्त किया। प्रवासी भारतीयों के जाने-माने नेता प्रेम भंडारी ने पार्थिव शरीर को भारत वापस लाने की प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। उन्होंने साझा किया कि पार्क के अधिकारियों ने शोक संतप्त परिवार के प्रति अपनी संवेदनाएं व्यक्त कीं और आशा व्यक्त की कि शव बरामद होने से सिद्धांत के प्रियजनों को कुछ सांत्वना मिलेगी। अब जल्द ही नश्वर अवशेषों को भारत में शोक संतप्त
परिवार को वापस भेजा जाएगा। 

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