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एलियन, रोबोट और भविष्य

आइए बॉलीवुड इनसाइडर में सिनेमाई प्रयोगों की कुछ ऐसी ही अनोखी फिल्मों की चर्चा करते हैं, जो हमें इस धरती और उसके बाहर की दुनिया में ले जाती हैं। 

कोई मिल गया.. से लेकर कल्कि 2898 तक, बॉलीवुड में काफी कुछ बदल गया है। / Images IMDB

भारतीय सिनेमा ने आस्था और तकनीक के मामले में ऊंची छलांग लगाई है। कल्कि 2898 एडी जैसी फिल्में इसकी गवाह हैं। इस मौके पर बॉलीवुड इनसाइडर में आइए सिनेमाई प्रयोगों की कुछ ऐसी ही अनोखी फिल्मों की चर्चा करते हैं, जो हमें इस धरती और उसके बाहर की दुनिया में ले जाती हैं। 

द इन्विजिबल मैन
'अदृश्य इंसान' पर आधारित पहली फिल्में संभवतः 1938 में द्वारका खोसला के निर्देशन में बनी हिंदी/उर्दू फिल्म 'मिस्टर एक्स' थी। इसमें अमजद खान के पिता जयंत, नूतन और तनुजा की दादी रतन बाई ने अदाकारी की थी। रतन बाई ने कुछ दिलकश गीत गाए थे जिनमें "रोम रोम में रम जाओ ...", "जग प्रेम से हारा है..." और "आजा रे निंदिया आजा..." प्रमुख हैं। करीब दो दशक बाद, 1957 में नानाभाई भट्ट ने इसी टाइटल से एक फिल्म बनाई, जो एक मर्डर मिस्ट्री थी, जिसमें लैब असिस्टेंट अदृश्य बन गया था। इसमें अशोक कुमार और नलिनी जयवंत की हिट जोड़ी ने काम किया था। 

दिलचस्प बात यह है कि 1964 में अशोक कुमार के भाई किशोर कुमार ने शांतिलाल सोनी की मिस्टर एक्स इन बॉम्बे में मुख्य भूमिका निभाई थी। यह फिल्म एक अदृश्य व्यक्ति के इर्द-गिर्द घूमती थी। छोटे बजट की साई-फाई रोमांटिक फिल्म में "मेरे महबूब क़यामत होगी ..." जैसे सदाबहार गाने थे। यह पहला गीत था जिसे आनंद बख्शी ने लिखा था और लक्ष्मीकांत-प्यारेलाल ने किशोर कुमार के लिए संगीत दिया था।

एक साल के बाद, अशोक कुमार और नानाभाई भट्ट ने एक और अदृश्य फिल्म आधी रात के बाद की। इसके आधी सदी बाद, 2015 में नानाभाई भट्ट के बेटे मुकेश और महेश भट्ट ने साई-फाइ एक्शन एडवेंचर फिल्म मिस्टर एक्स बनाई, जिसमें उनके पोते इमरान हाशमी अदृश्यता को 3डी अवतार दिया। इनमें से कोई भी फिल्म कारोबार के नजरिए से कामयाब नहीं रही। हालांकि अदृश्यता को फिल्मी पर्दे पर उतारने का सिलसिला जारी रहा। 1971 में विनोद मेहरा  व विनोद खन्ना की 'ऐलान', 1984 में केए अब्बास की 'मिस्टर एक्स', 1992 में नसीरुद्दीन शाह की 'चमत्कार' और 2004 में राम गोपाल वर्मा की 'गायब' इसी कड़ी की फिल्में थीं। 

इन सबके बावजूद बॉलीवुड की सबसे पसंदीदा 'अदृश्य' फिल्म अनिल कपूर की 'मिस्टर इंडिया' रही। बोनी कपूर द्वारा 1987 में बनाई गई इस फंतासी फिल्म ने हिंदी सिनेमा को एक अविस्मरणीय खलनायक दिया - मोगैम्बो खुश हुआ!

एलियन एडवेंचर
जिस तरह मिस्टर एक्स अदृश्य आदमी को पर्दे पर लाने वाली पहली साई-फाई फिल्म थी, तो 1963 की तमिल फिल्म कलाई अरसी दो एलियंस को धरती पर उतारने वाली पहली भारतीय साई-फाई फिल्म कही जा सकता है। इस फिल्म में दूसरी दुनिया के प्राणी सुरीली आवाज वाली भानुमति को चुरा लेते हैं और अपनी राजकुमारी को नृत्य-संगीत सिखाने के लिए अपने ग्रह पर ले जाते हैं। लेकिन उसका देहाती प्रेमी एमजी रामचंद्रन का मोहन वहां तक उसका पीछा करता है। महल में प्रवेश करने के लिए वह बहुरूपिया बन जाता है और अपनी माशूका को बचाकर धरती पर लेकर आता है।

करीब आधी सदी बाद 2014 में राजकुमार हिरानी की साई-फाई कॉमेडी ड्रामा फिल्म पीके ने पूरा सीन ही बदल दिया। आमिर खान के रूप में इंसानी एलियन अपने अंतरिक्ष यान को बुलाने का रिमोट चोरी होने के बाद धरती पर फंस जाता है। इस फिल्म में पीके भगवान की खोज में जुटता है, जिसके बारे में उसे बताया गया था कि वह उसे वापस लौटने में मदद कर सकते हैं। पीके धोखेबाज बाबा की पोल खेलता है, आस्था-विश्वास का सही अर्थ बताता है और प्यार में भी पड़ जाता है। अपने ग्रह पर लौटने से पहले वह बिछड़े प्रेमियों को भी मिलाने का काम करता है। वह एक साल बाद कुछ और एलियंस के साथ लौटता है और फिल्म के सीक्वल के संकेत देता है, लेकिन इसकी अगली फिल्म का अभी तक इंतजार है।

एक और एलियन फिल्म जिसने बॉक्स ऑफिस पर ब्लॉकबस्टर बनकर जादू चलाया, वह थी कोई... मिल गया। राकेश रोशन के निर्देशन में 2003 की यह फिल्म एक एलियन पर आधारित है जो गलती से पीछे अपने साथियों से छूट जाता है। वह रोहित बने ऋतिक रोशन से दोस्ती करता है और न सिर्फ उसकी शारीरिक व बौद्धिक क्षमताओं को बढ़ाने में मदद करता है बल्कि उसका प्यार पाने में भी मदद करता है। इनकी शादी से एक बेटा कृष्णा पैदा होता है जो 2006 में कृष के रूप में अपने पिता से विरासत में मिली महाशक्तियों से नसीरुद्दीन शाह के दुष्ट डॉ आर्य के चंगुल से बचाता है।

कृष 3 की कहानी में काल नाम का किरदार कृष्ण को मार देता है। रोहित अपने बेटे को फिर से जिंदा करता है, लेकिन खुद मर जाता है। इसके बाद काल द्वारा बनाए गए वायरस से दुनिया को बचाने का जिम्मा कृष्णा/कृष उठाता है। कोविड-19 महामारी से छह साल पहले 2013 में रिलीज़ यह फिल्म कृष और प्रिया के नवजात बेटे के साथ सुपरहीरो शक्तियों को प्रदर्शित करने के साथ खत्म होती है। यह कृष 4 का रास्ता साफ करती है, जो रोबोट सीरीज की तीसरी किस्त होगी। 

रोबोट का दिन
एआई के दुनिया में आने से बहुत पहले, साल 2001 में शंकर ने चेन्नई में सन 2200 और 3000 के बीच एक फ्यूचरिस्टिक टेक्नो थ्रिलर फिल्म की कल्पना की थी। यह एक एंड्रॉइड रोबोट पर आधारित फिल्म है, जो विलेन बन जाता है। उन्होंने कमल हासन और प्रीति जिंटा के साथ ये फिल्म बनाने की घोषणा की थी। हालांकि डेट्स की दिक्कतों के कारण, रोबोट फिल्म को 2008 में रजनीकांत के साथ पर्दे पर आ सकी।

फिल्म का नाम एंथ्रियन था। चूंकि राज्य सरकार ने तमिल शीर्षक वाली फिल्मों को टैक्स छूट दे रखी थी, इसलिए हिंदी में इसे रोबोट के रूप में डब किया गया था। फिल्म कामयाब रही। हिंदी और तेलुगु वर्जन के साथ इसका तमिल सीक्वल 2.0 बना। इसे 3डी में भी रिलीज़ किया गया। 2.0 फिल्म 2018 की सबसे अधिक कमाई करने वाली भारतीय फिल्म बनी थी।

2011 में गौरी खान ने अपने शाहरुख खान के डबल रोल वाली RA.One बनाई। इसमें एक वीडियो गेम मेकर शेखर सुब्रमण्यम अपने बेटे को प्रभावित करने के लिए अपने गेम का विलेन जी.वन बनाता है और आरए द्वारा मारा जाता है। 150 करोड़ रूपये के बजट से बनी यह उस समय की सबसे महंगी भारतीय फिल्मों में से एक थी। 

इस साल फरवरी में तेरी बातों में ऐसा उलझा जिया फिल्म ने हमें एक सुपर इंटेलिजेंट फीमेल रोबोट से परिचित कराया, जिसमें ह्यूमन इंटरफेस है। इस फिल्म में शाहिद कपूर रोबोटिक इंजीनियर आर्यन बने, जो कृति सेनन यानी सिफरा से शादी करना चाहते थे। इस फिल्म में ट्विस्ट के साथ एक प्रेम कहानी है!

वापस भविष्य की ओर
2009 में जहांगीर सुरती की आ देखें ज़रा आई, जिसमें एक स्ट्रगलर फोटोग्राफर को अपने दादा का एक विशेष कैमरा मिलता है। इसकी बदौलत वह जीतने वाले घोड़ों और मुनाफा देने वाले शेयरों पर दांव लगाता है, लेकिन एक बदमाश की नज़र में आ जाता है। इसके बाद ये फिल्म बैंकॉक और जंगलों में ले जाती है।

सात साल बाद, नित्या मेहरा अपनी साई-फाई रोमांटिक ड्रामा फिल्म बार बार देखो के जरिए सिद्धार्थ मल्होत्रा के साथ टाइम मशीन की यात्रा पर ले जाती है। यह फिल्म 2016 से 2018 और उससे आगे 2034 तक छलांग लगाती है। इसके बाद कैम्ब्रिज में गणित के प्रोफेसर को प्यार और जीवन की प्राथमिकताओं का सही अर्थ सिखाती है। 

अभी हाल ही में नाग अश्विन की 600 करोड़ में बनी तेलुगु फिल्म कल्कि 2898 एडी हमें 2898 की तबाही के बाद की दुनिया में ले जाती है। इस डिस्टोपियन समाज में महिलाओं को कृत्रिम गर्भाधान से भ्रूण के जरिए सीरम तैयार करने के लिए बंधक बनाया जाता है ताकि यास्किन की उम्र 200 साल तक हो सके। कुछ लोग लैब में अजन्मे बच्चे कल्कि को बचाने के मिशन पर निकलता है।

पौराणिक कथाओं, कल्पना, विज्ञान का शानदार मेल और  अमिताभ बच्चन, कमल हासन, प्रभास, दीपिका पादुकोण, शाश्वत चटर्जी, विजय देवरकोंडा, दुलारे सलमान, शोभना और एसएस राजामौली जैसे सितारों से सजी ये फिल्म ब्लॉकबस्टर साबित हुई है। अच्छी खबर यह है कि यह सिर्फ पहला भाग है। अगली फिल्म में भविष्य पर आधारित होगी।

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