दृष्टिहीनों को सशक्त बनाने के लिए समर्पित लेक्सिंगटन, एमए स्थित गैर-लाभकारी संस्था विजन-एड ने घोषणा की है कि उसने भारत के भुवनेश्वर में विजन-एड कॉर्टिकल विजुअल इम्पेयरमेंट (CVI) रिसोर्स सेंटर शुरू करने के लिए एलवी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट के साथ साझेदारी की है। यह अग्रणी पहल ओडिशा में मस्तिष्क-आधारित दृश्य हानि से प्रभावित बच्चों को जीवन बदलने वाली सहायता प्रदान करने की दिशा में एक बड़ा कदम है।
विजन-एड के स्वयंसेवी अध्यक्ष ललित सूदन ने कहा कि यह नया केंद्र सिर्फ एक सुविधा से कहीं अधिक है। यह पूर्वी भारत में दृष्टिहीन बच्चों और उनके परिवारों के लिए आशा की किरण है। इस लॉन्च के साथ हम जरूरतमंद लोगों तक महत्वपूर्ण दृष्टि देखभाल और पुनर्वास सेवाएं पहुंचाने के अपने मिशन को जारी रखते हैं। हम निकट भविष्य में अपनी पहुंच को आगे बढ़ाने के लिए भी उत्साहित हैं।
बोस्टन की कवियित्री और परोपकारी मनोरमा चौधरी ने इस केंद्र का उद्घाटन किया। केंद्र का नाम मनोरमा चौधरी नयन ज्योति विजन-एड CVI रिसोर्स सेंटर रखा गया है और यह भुवनेश्वर के प्रसिद्ध एल वी प्रसाद आई इंस्टीट्यूट (LVPEI) में स्थित है। विजन-एड और LVPEI के बीच यह सहयोग विशेष प्रारंभिक हस्तक्षेप कार्यक्रम, पुनर्वास और पारिवारिक सहायता प्रदान करेगा। इससे यह सुनिश्चित होगा कि CVI पीड़ित बच्चों को वह देखभाल मिले जिसके वे हकदार हैं, खासकर वंचित ग्रामीण क्षेत्रों में।
वर्ष 2025 में विजन-एड कार्यक्रम भारत भर में 50 स्थानों पर 25,000 से अधिक दृष्टिहीनों की सेवा कर रहे हैं। इनमें 20 प्रमुख नेत्र अस्पताल शामिल हैं। LVPEI भुवनेश्वर में इस नई पहल के अलावा दो महीने पहले विजन-एड मानचित्र में एक और हालिया जोड़, मध्य प्रदेश में एक मेगा नेत्र अस्पताल, सद्गुरु नेत्र चिकित्सालय में एक केंद्र था, जो सालाना 10 लाख से अधिक रोगियों की सेवा करता है। अन्य भागीदारों में तमिलनाडु में अरविंद नेत्र अस्पताल और शंकर नेत्रालय, कर्नाटक में नारायण नेत्रालय, दिल्ली और यूपी में डॉ. श्रॉफ्स चैरिटी आई अस्पताल, पुणे में CECF शामिल हैं।
बदलाव के लिए एक दृष्टि
इस संसाधन केंद्र का शुभारंभ स्वास्थ्य समानता की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। प्रारंभिक निदान, अनुकूलित उपचार और पारिवारिक शिक्षा पर ध्यान केंद्रित करके विजन-एड और LVPE का लक्ष्य जीवन को बदलना है, CVI पीड़ित बच्चों को उनकी दृश्य चुनौतियों के बावजूद स्वतंत्र, सम्मानजनक जीवन जीने में मदद करना है।
मिशन के पीछे दूरदर्शी लोग
कार्यक्रम में विजन-एड के संस्थापक रेवती रामकृष्ण और रामकृष्ण राजू की प्रेरक टिप्पणियां शामिल थीं जिन्होंने दृष्टिबाधित बच्चों के लिए बाधाओं को तोड़ने के लिए अपनी दीर्घकालिक प्रतिबद्धता की पुष्टि की।
अपने संबोधन में श्रीमती चौधरी ने इस पहल का समर्थन करने के लिए अपनी प्रेरणा के बारे में भावुकता से बात की। उन्होंने कहा कि दृष्टिबाधा न केवल व्यक्तियों को बल्कि पूरे परिवार को प्रभावित करती है। प्रारंभिक हस्तक्षेप, सहायक उपकरण और विशेष प्रशिक्षण प्रदान करके विजन-एड बच्चों को उनकी सीमाओं से परे देखने और संभावनाओं से भरे भविष्य को अपनाने के लिए सशक्त बना रहा है।
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