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कनाडाः कंजर्वेटिव लीडरशिप के चुनाव में भारत का दखल? ब्रैम्पटन के मेयर ने दी अहम गवाही

इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की एक रिपोर्ट में कंजर्वेटिव लीडरशिप के 2022 के चुनाव में भारत के प्रभाव का संकेत दिया गया था।

ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने इससे पहले संसदीय समिति के सामने गवाही देने से इनकार कर दिया था। / X @patrickbrownont

ब्रैम्पटन के मेयर पैट्रिक ब्राउन ने संसदीय समिति के सामने अपनी गवाही में दावा किया है कि 2022 में कंजर्वेटिव पार्टी के लीडरशिप चुनाव में किसी तरह का विदेशी हस्तक्षेप नहीं था। ब्राउन इस बार भी मेयर पद के उम्मीदवार हैं। 

मेयर ब्राउन ने कंजर्वेटिव लीडरशिप चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप के आरोपों की जांच कर रही संसदीय समिति के समक्ष अपने बयान में साफ कहा कि 2022 के चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप की कोई भूमिका नहीं थी। इस चुनाव में नेता पियरे पोइलीवरे ने पहले ही दौर में 68 प्रतिशत मतों से जीत हासिल की थी। 

इससे पहले राष्ट्रीय सुरक्षा समिति की एक रिपोर्ट में इशारों इशारों में लीडरशिप कैंपेन पर भारत के प्रभाव का संकेत दिया गया था। हालांकि ब्राउन ने अपनी गवाही के दौरान भारत को लेकर जताई जा रही चिंताओं का समाधान किया और कहा कि चुनाव के अंतिम नतीजों पर किसी तरह का विदेशी हस्तक्षेप नहीं था। 

इससे पहले गवाही देने से इनकार कर चुके ब्राउन का कहना था कि वह संसद में पक्षपातपूर्ण विवादों में अपने आपको नहीं घसीटना चाहते थे। गवाही देने के समन पर ब्राउन ने सोशल मीडिया पर कहा था कि उनके पास ऐसा कोई नया सबूत नहीं है, जिससे जांच में मदद मिले। 

ब्राउन ने अपनी गवाही में कहा लीडरशिप रेस के दौरान भारत सरकार के किसी भी प्रतिनिधि ने उनसे या उनकी टीम से संपर्क नहीं किया था। उनके ऊपर किसी तरह का विदेशी दबाव नहीं था। 

दिलचस्प तथ्य ये है कि 2022 में पैट्रिक ब्राउन को कैंपेन फाइनेंसिंग से संबंधित आरोपों की वजह से कनाडा चुनाव अधिनियम के तहत उम्मीदवारी के अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इस इस साल की शुरुआत में चुनाव आयोग ने तय किया था कि वह पैट्रिक ब्राउन के खिलाफ अपनी जांच जारी नहीं रखेगा। 
 

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