कनाडा में वर्ष 2019 और 2021 में हुए संघीय चुनाव में विदेशी हस्तक्षेप की जांच कर रहे आयोग ने ओटावा से इस संदर्भ में भारत से संबंधित जानकारी उपलब्ध कराने को कहा है। मीडिया से साझा की गई जानकारी के अनुसार आयोग ने कनाडा सरकार के दस्तावेज संग्रह और उत्पादन विभाग से अनुरोध किया है कि 2019 और 2021 के चुनावों से संबंधित भारत द्वारा कथित हस्तक्षेप से जुड़ी जानकारी और दस्तावेज भी आयोग को दिये जाने वाले कागजात में शामिल हों।
आयोग का नेतृत्व क्यूबेक न्यायाधीश मैरी-जोसी हॉग द्वारा किया जा रहा है। इस आयोग का गठन 2019 और 2021 के संघीय चुनावों में विदेशी हस्तक्षेप के बारे में उठी चिंताओं का जवाब देने के लिए किया गया था। आयोग इन मुद्दों के संबंध में संघीय सरकार के भीतर सूचना के प्रवाह की जांच करेगा, प्रतिक्रिया में की गई कार्रवाइयों का मूल्यांकन करेगा, विदेशी हस्तक्षेप का पता लगाने, रोकने और उसका मुकाबला करने की संघीय सरकार की क्षमता का आकलन करेगा और इन मुद्दों पर सिफारिशें करेगा। उम्मीद की जा रही है कि आयोग अपनी अंतरिम रिपोर्ट 3 मई 2024 तक तैयार कर लेगा और फाइनल रिपोर्ट 31 दिसंबर 2024 तक सौंप देगा।
आयोग ने भारत को अपने दायरे में इसलिए शामिल किया है क्योंकि इसने एक वकालत समूह को खड़ा किया था जो कनाडा में भारतीय समुदाय पर विदेशी हस्तक्षेप के प्रभाव को बेहतर ढंग से समझने में आयोग की सहायता कर सकता था।
कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो की ओर से प्रतिनिधि सभी में 18 सितंबर को दिये एक बयान के बाद से दोनों देशों के संबंध तल्ख चल रहे हैं। पीएम ट्रूडो ने कहा था कि ब्रिटिश कोलंबिया में 18 जून को जिस खालिस्तान समर्थक हरदीप सिंह निज्जर की हत्या कर दी गई थी उसमें भारतीय एजेंटों के शामिल होने के उनके पास पुख्ता सबूत हैं।
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