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भारत से तनाव के बीच कनाडाई संसद में आधी रात तक डिबेट, विदेशी दखल का मुद्दा गूंजा

कई घंटे चली इस डिबेट में सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी, मुख्य विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी, न्यू डेमोक्रेट्स और ग्रीन पार्टी ने भी हिस्सा लिया, हालांकि ब्लॉक क्यूबेकोइस के सदस्य शामिल नहीं हुए।

स्पेशल डिबेट के दौरान प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो सदन में उपस्थित नहीं थे। / X @JustinTrudeau

भारत के साथ गहराए राजनीतिक तनाव के बीच कनाडा के हाउस ऑफ कॉमन्स में इमरजेंसी बैठक के दौरान आधी रात तक स्पेशल डिबेट हुई। इस दौरान रॉयल कनाडियन माउंटेड पुलिस (आरसीएमपी) की भारत से कथित विदेशी हस्तक्षेप की रिपोर्टों पर भी चर्चा की गई। 

हाउस ऑफ कॉमन्स में एनडीपी के नेता जगमीत सिंह और लिबरल सांसद जॉर्ज चहल ने इस डिबेट की मांग उठाई थी। मुद्दे की गंभीरता का हवाला देते हुए जगमीत और जॉर्ज चहल ने स्पीकर को लिखे अलग-अलग पत्रों में कहा कि आरसीएमपी के खुलासे से दक्षिण एशियाई मूल के कनाडाई नागरिकों की संप्रभुता और सुरक्षा गंभीर रूप से प्रभावित हो रही है। 

कई घंटों तक चली इस डिबेट में सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी, मुख्य विपक्षी कंजरवेटिव पार्टी और सदन में चौथी सबसे बड़ी पार्टी न्यू डेमोक्रेट्स का प्रतिनिधित्व करने वाले भारतीय डायस्पोरा के लगभग सभी सदस्यों के अलावा ग्रीन पार्टी प्रमुख एलिजाबेथ ने भी हिस्सा लिया।

सदन की तीसरी सबसे बड़ी पार्टी ब्लॉक क्यूबेकोइस के सदस्य इसमें शामिल नहीं हुए। दिलचस्प बात यह रही कि निर्धारित बहस के दौरान न तो प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो और न ही विपक्ष के नेता पियरे पोइलीवरे सदन में उपस्थित थे।

बहस के दौरान उदारवादी-एनडीपी गठबंधन और कंजर्वेटिव्स आमने सामने नजर आए क्योंकि विपक्ष के नेता को निशाना बनाया गया था। ट्रेजरी बेंच और एनडीपी सांसदों ने देश की सुरक्षा को लेकर पियरे पोइलीवरे पर तीखे हमले किए।

सुख धालीवाल समेत कई लिबरल सांसदों ने पोइलीवरे के बहाने आरोप लगाया कि कंजर्वेटिव पार्टी के नेता के रूप में उनके चुनाव को भारत में सत्तारूढ़ भाजपा द्वारा सपोर्ट किया गया था। कंजरवेटिव्स ने न सिर्फ अपने नेता पर लगे आरोपों को नकारा बल्कि लिबरल्स पर कनाडा को विदेशी शक्तियों के हाथों खेलने का आसान मौका देने के लिए जिम्मेदार ठहराया।

इकविंदर गहीर, जॉर्ज चहल, रूबी सहोता, परम बैंस, रूबी सहोता, रणदीप सराय और धालीवाल सहित लिबरल सांसदों ने प्रधानमंत्री ट्रूडो और लिबरल सरकार की भूमिका की सराहना करते हुए कहा कि आरसीएमपी और अन्य पुलिस संगठनों ने जबरन वसूली के आरोप में 22 और हत्या के आरोप में आठ लोगों को गिरफ्तार किया है। उन्होंने इस संवेदनशील विषय पर चुप्पी के लिए पियरे पोइलीवरे पर भी हमला किया।

कंजरवेटिव पार्टी के टिम उप्पल, जसराज हल्लन और अर्पण खन्ना ने जबरन वसूली में लिप्त लोगों को कड़ी सजा देने के लिए सदन में लाए गए प्राइवेट मेंबर बिल का विरोध करने के लिए सत्तारूढ़ लिबरल पार्टी की तीखी आलोचना की। उन्होंने आरोप लगाया कि लिबरल्स और एनडीपी के विरोध के कारण यह विधेयक पास नहीं हो सका। 

सदन में कंजर्वेटिव पार्टी की सह-उप नेता मेलिसा लैंट्समैन ने भी लिबरल्स पर हमला करते हुए कहा कि सत्तारूढ़ पार्टी की कमजोर नीतियों ने कनाडा को इन अवैध गतिविधियों का मैदान बना दिया है। 

डिबेट के दौरान जगमीत सिंह की अनुपस्थिति में एनडीपी के हीथर मैकफर्सन ने भी पियरे पोइलीवरे की चुप्पी और सिक्योरिटी टेस्ट से इनकार करने पर सवाल उठाया। ग्रीन पार्टी की नेता एलिजाबेथ मे ने भी हाई सिक्योरिटी टेस्ट देने से इनकार करने के लिए पोइलीवरे की आलोचना की।



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