अमेरिका में जाति आधारित भेदभाव के खिलाफ आवाज उठाने वाले प्रमुख संगठन CasteFiles ने फिलाडेल्फिया बार एसोसिएशन (पीबीए) को पत्र लिखकर भारतीय-अमेरिकियों को जातिगत विशेषाधिकार का लाभ उठाने वाले संरक्षित समुदाय का हिस्सा बताने पर गहरी आपत्ति जताई है।
पीबीए की तरफ से हाल ही में 'ए क्रैश कोर्स ऑन कास्ट' नामक कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इसमें प्रोफेसर सोनजा थॉमस और साउथ एशियन बार एसोसिएशन (एसएबीए) के सदस्यों ने भी अपने विचार रखे थे। इसी के बाद कास्टफाइल्स ने पीबीए को पत्र लिखकर भारतीय अमेरिकी समुदाय की लेबलिंग किए जाने पर आपत्ति जताई।
कास्टफाइल्स ने हिंदूफोबिया का जिक्र करते हुए जारी बयान में कहा कि अमेरिका में जाति संबंधी मुकदमे दायर करने के कई कारण हैं जैसे कि समानता कानून का उल्लंघन करना और तटस्थ न होना आदि। इनका जाति विशेषाधिकार से कोई संबंध नहीं है।
कास्टफाइल्स ने सिएटल और कैलिफोर्निया में जातिगत कानूनों का विरोध करने वाले अंबेडकर-फुले नेटवर्क ऑफ अमेरिकन दलित्स एंड बहुजन्स (APNADB) जैसे तमाम संगठनों का भी हवाला दिया। कास्टफाइल्स ने सिएटल और कैलिफोर्निया में जाति कानूनों के विरोधी दलित कार्यकर्ता मिलिंद मकवाना के साथ मिलकर भारतीय अमेरिकियों के नस्लीय चित्रण का भी विरोध किया है।
कास्टफाइल्स की संस्थापक ऋचा गौतम ने कहा कि सोनजा थॉमस बिना किसी सबूत के अक्सर दावा करती रही हैं कि अमेरिका में जाति कानूनों का विरोध करने वाले लोग खुद विशेषाधिकार प्राप्त अभिजात्य वर्ग से संबंधित हैं, जबकि सचाई ये है कि मकवाना ने जाति जैसे औपनिवेशिक शब्दों के हानिकारक प्रभाव की पहचान करने में बड़ी भूमिका निभाई थी।
कास्टफाइल्स के डायरेक्टर अभिजीत बागल ने दावा किया कि प्रो. थॉमस इक्वेलिटी लैब्स के संस्थापक निदेशक थेनमोझी सुंदरराजन की करीबी सहयोगी हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सुंदरराजन का हिंदू विरोधी भाषण देने, होली जैसे त्योहारों को बदनाम करने, हिंदू धर्मग्रंथों को अपमानित करने का इतिहास रहा है। वे तथ्यों को तोड़ मरोड़कर पेश करते रहे हैं।
प्रेस रिलीज में कहा गया कि दक्षिण एशियाई बार एसोसिएशन, शिकागो (एसएबीए शिकागो) की प्रेसिडेंट और कानूनी सलाहकार सारा चौधरी को सोशल मीडिया पर यहूदी विरोधी टिप्पणी करने के लिए इलिनोइस के कंप्ट्रोलर ऑफिस की तरफ से पिछले साल 19 अक्टूबर को बाहर कर दिया गया था। इसके बाद उन्हें SABA शिकागो के प्रेसिडेंट पद से भी हटा दिया गया था।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login