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भारत में समय की मांग: सुरक्षित व सेफ आतिशबाजी

हालिया स्मृति की भारत की सबसे दुखद पटाखा दुर्घटना में 110 लोगों की जान जाने के 8 साल बाद भी पारंपरिक प्रथाओं और कानून के खुले उल्लंघन की वजह से आतिशबाजी के आधुनिक विकल्प नहीं अपनाए जा रहे हैं, हालांकि अब इसमें परिवर्तन आ रहा है।

2016 में केरल के कोल्लम में पुत्तिंगल मंदिर में पटाखों में धमाके से गिरी दीवार। इस हादसे में 110 लोगों की मौत हो गई थी। / फोटो: Arun VR Paravur/Wikipedia

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