भारत की राजधानी दिल्ली में आज लोकतंत्र का उत्सव है। दिल्ली के लोग आज एक बार फिर अगले पांच साल के लिए मतदान के माध्यम से अपनी नई सरकार का चुनाव करेंगे। सत्ता के संग्राम में मुख्य मुकाबला वर्तमान में दिल्ली की गद्दी पर आसीन अरविंद केजरीवाल की आम आदमी पार्टी और केंद्र में राज कर रही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी के बीच है।
राजधानी दिल्ली में बुधवार को स्थानीय चुनावों के लिए मतदान शुरू हो गया है। इसमें प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की हिंदू राष्ट्रवादी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) अपने मुख्य विरोधियों में से एक को सत्ता से बेदखल करने के लिए जी-जान से जुटी है। महानगर दिल्ली की आबादी 3 करोड़ से अधिक है और आधे से अधिक मतदाता हैं। दिल्ली में पिछले एक दशक से करिश्माई अरविंद केजरीवाल और उनकी आम आदमी पार्टी (आप) का शासन है।
केजरीवाल एक दशक पहले भ्रष्टाचार-विरोधी योद्धा के रूप में सत्ता में आए थे और उनके लगातार बढ़ते कद ने उन्हें मोदी के प्रमुख प्रतिद्वंद्वियों में से एक बना दिया। केजरीवाल की लोकप्रियता राजधानी के लाखों गरीबों के लिए व्यापक स्तर पर पानी और बिजली सब्सिडी देने से बढ़ी है।
लेकिन भारत के सुप्रीम कोर्ट द्वारा जमानत दिए जाने से पहले उन्होंने अपनी पार्टी के कई साथी नेताओं के साथ शराब लाइसेंस के बदले में रिश्वत लेने के आरोप में पिछले साल कई महीने जेल में बिताए थे।
भाजपा ने भ्रष्टाचार के आरोपों को लगातार उछाला। भाजपा ने मतदान से पहले के हफ्तों में एक उत्साही अभियान चलाया और प्रधानमंत्री मोदी ने खुद कई रैलियों का नेतृत्व किया और आम आदमी पार्टी से सत्ता से हटाने का आग्रह किया।
हालांकि केजरीवाल लगातार अपने आरोपों को बेबुनियाद और मोदी सरकार की राजनीतिक साजिश बताया है। किंतु केजरीवाल ने तीसरी बार दुर्लभ कार्यकाल जीतने का भी भरोसा जताया है। आज होने वाले चुनाव के नतीजे 8 फरवरी को घोषित किये जाएंगे।
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