दुनिया में लगातार आगे बढ़ रहे भारत का लोहा मानने वाले देशों की लंबी फेहरिस्त में अब चीन भी शामिल हो गया है। चीनी कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र और चीन के सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने हाल ही में प्रकाशित एक लेख में भारत और भारत के पीएम नरेंद्र मोदी की तारीफ में कसीदे पढ़े हैं। कुछ दिन पहले रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने पीएम मोदी की तारीफ की थी। ग्लोबल टाइम्स ने 'भारत कथा' विकसित करने में भारत को 'रणनीतिक रूप से अधिक आत्मविश्वास' और 'सक्रिय' बताया।
चीनी अखबार ने 2020 की गलवान घाटी झड़पों के बाद दोनों परमाणु शक्ति संपन्न देशों में तनाव के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के तहत आर्थिक, सामाजिक शासन और विदेश नीति में भारत की प्रगति की सराहना की है। शंघाई के फुदान विश्वविद्यालय में दक्षिण एशियाई अध्ययन केंद्र के निदेशक झांग जियाडोंग द्वारा लिखे गए लेख में पिछले चार वर्षों में भारत की उपलब्धियों पर प्रकाश डाला गया है।
उन्होंने लिखा है कि भारत वास्तव में एक बड़ी शक्ति है और आंतरिक एवं बाहरी रणनीतियों में तेजी से हो रहे बदलाव उसके और अंतरराष्ट्रीय समुदाय दोनों के लिए चुनौतियां पैदा करते हैं। ऐसा प्रतीत होता है कि एक बदला हुआ मजबूत और अधिक मुखर भारत एक नया भू-राजनीतिक फैक्टर बन गया है, जिस पर कई देशों को विचार करने की आवश्यकता है।
भारत की मजबूत आर्थिक वृद्धि, शहरी प्रशासन में सुधार, चीन सहित अंतरराष्ट्रीय संबंधों के प्रति रवैये में बदलाव को स्वीकार करते हुए लेख में कहा गया है कि भारतीय प्रतिनिधि पहले व्यापार असंतुलन को कम करने के लिए बीजिंग के उपायों पर ध्यान केंद्रित करते थे। लेकिन, जियाडोंग के मुताबिक अब भारत अपनी निर्यात क्षमता पर अधिक ध्यान केंद्रित कर रहा है।
ग्लोबल टाइम्स में प्रकाशित लेख में पश्चिमी दुनिया के साथ अपनी लोकतांत्रिक सहमति पर ध्यान केंद्रित करने के बजाय लोकतांत्रिक राजनीति की 'भारतीय विशेषता' को उजागर करने के लिए भारत के बदलाव का हवाला दिया गया है। मोदी के नेतृत्व में भारत की विदेश नीति की सराहना करते हुए लेख में भारत के बदलते दृष्टिकोण और संयुक्त राज्य अमेरिका, जापान, रूस जैसी प्रमुख वैश्विक शक्तियों के साथ संबंधों को मजबूत करने का हवाला दिया गया है।
लेख में कहा गया है कि जब से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सत्ता संभाली है, उन्होंने अमेरिका, जापान, रूस और अन्य देशों और क्षेत्रीय संगठनों के साथ भारत के संबंधों को बढ़ावा देने की रणनीति पर जोर दिया है। अब विदेश नीति में भारत की रणनीतिक सोच में एक और बदलाव आया है और वह स्पष्ट रूप से एक महान शक्ति होना दर्शाता है।
लेख में आगे लिखा गया है कि भारत की घरेलू और विदेशी स्थिति चार साल पहले की तुलना में काफी बदल गई है। भारत ने आर्थिक विकास और सामाजिक शासन में उत्कृष्ट परिणाम हासिल किए हैं और इसकी महान शक्ति और रणनीति सपने से वास्तविकता की ओर बढ़ गई है। एक तरफ भारत ने आर्थिक विकास और सामाजिक शासन में बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। इसकी अर्थव्यवस्था ने गति पकड़ ली है और यह सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं में से एक बनने की राह पर है।
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