चीन के हैकर अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में खलल डालने की कोशिश कर रहे हैं, इसका एक और सबूत सामने आया है। इन हैकर्स ने राष्ट्रपति पद की डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस के अभियान से जुड़े लोगों के फोन को टारगेट किया है। मामले के जानकार एक शख्स के हवाले से रॉयटर्स ने यह दावा किया है।
बताया गया कि ये चीनी हैकर्स वही हैं, जिन्होंने वेरिजॉन के सिस्टम को निशाना बनाया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प और उनके साथी जेडी वेंस को भी निशाना बनाया गया था। हालांकि रॉयटर्स ने इन खबरों की पुष्टि नहीं की है।
न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक, जांचकर्ता यह पता लगाने पर काम कर रहे हैं कि इन हैकर्स की ट्रम्प और वेंस से क्या बातचीत हुई थी। टाइम्स की रिपोर्ट में कहा गया है कि ट्रम्प के प्रचार अभियान को इस सप्ताह अवगत कराया गया था कि वेरिजॉन के फोन सिस्टम में घुसपैठ के जरिए सरकार के अंदर और बाहर के जिन लोगों के फोन को निशाना बनाया गया, उनमें ट्रम्प और वेंस भी शामिल हैं। हालांकि ट्रम्प की टीम ने फोन को टारगेट किए जाने की पुष्टि नहीं की है।
वाशिंगटन स्थित चीनी दूतावास का कहना कि उसे इस मामले की जानकारी नहीं है, लेकिन चीन खुद हर तरह के साइबर हमलों और साइबर चोरी का विरोध करता है और उन्हें रोकने के कदम उठाता है। दूतावास के प्रवक्ता ने कहा कि राष्ट्रपति चुनाव अमेरिका का घरेलू मामला है। अमेरिकी चुनाव में हस्तक्षेप करने का चीन का कोई इरादा नहीं है।
बता दें कि ट्रम्प के प्रचार अभियान को इस साल की शुरुआत में हैक कर लिया गया था। अमेरिकी न्याय विभाग ने इस मामले में ईरान के रिवोल्यूशनरी गार्ड कॉर्प्स के तीन सदस्यों को आरोपित करते हुए उन पर राष्ट्रपति चुनाव को बाधित करने की कोशिश करने का आरोप लगाया है।
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