ग्रेटर सिनसिनाटी और डेटन की गुरुनानक सोसाइटी के सिखों ने हाल ही में ओहियो के सिनसिनाटी में एपिस्कोपल चर्च ऑफ द रिडीमर में आयोजित इंटरफेथ कन्वर्सेशन एंड क्यूज़ीन नामक एक इंटरफेथ कार्यक्रम में हिस्सा लिया।
इस कार्यक्रम में भाग लेने वालों में यहूदी समुदाय परिषद के सदस्य, बहाई फेथ सिनसिनाटी, इस्लामिक सेंटर ऑफ ग्रेटर सिनसिनाटी, हिंदू टेंपल ऑफ ग्रेटर सिनसिनाटी और इस्लामिक सेंटर ऑफ ग्रेटर सिनसिनाटी के सदस्य प्रमुख थे। कार्यक्रम में विभिन्न समुदायों के बीच संवाद और समझ को बढ़ावा देने का आह्वान किया गया।
कम्युनिटी एक्टिविस्ट समीप सिंह गुमताला ने बताया कि सिख समुदाय के सदस्यों ने अपनी आस्था और परंपराओं के बारे में अंतर्दृष्टि प्रदान करके आयोजन में योगदान दिया। सिखों ने अपनी आस्था के मूल सिद्धांत जैसे कि समानता, सेवा और समुदाय के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने उपस्थित लोगों को अपनी समृद्ध विरासत के बारे में जानकारी प्रदान की।
गुमताला का कहना था कि आयोजकों ने विभिन्न धर्मों के लोगों के बीच एकता और मेलजोल बढ़ाने के लिए उन्हें टेबल पर एक साथ बैठाया था। उन्होंने एकता को बढ़ावा देने में इस प्रकार के आयोजनों के महत्व को रेखांकित करते हुए आयोजकों के प्रति आभार व्यक्त किया।
कार्यक्रम में सिख समुदाय के युवा सदस्यों में किरेट सिंह, जपनीत सिंह, मानित सिंह और मेहर कौर आदि शामिल थे। 10वीं की छात्रा मेहर कौर ने बताया कि उन्होंने अपने आसपास बैठे लोगों को सिख धर्म में लंगर और सेवा के महत्व के बारे में बताया। स्वर्ण मंदिर के इतिहास की भी जानकारी दी।
मेहर कौर लोगों को सिख धर्म की जानकारी देते हुए। / Sameep Singh Gumtalaकार्यक्रम में सिख समुदाय के अन्य सदस्य डॉ चरणजीत सिंह गुमताला, अवतार सिंह स्प्रिंगफील्ड, हरविंदर सिंह और रसप्रीत कौर आदि भी उपस्थित थे उन्होंने चर्च का दौरा किया, जहां रेव मेलानी स्लेन ने चर्च के इतिहास, उपदेशों की प्रक्रिया और एक साथ गायन की परंपरा के बारे में बताया।
चर्च में ईसाई धर्म के बारे में ज्ञान बढ़ाते सिख समुदाय के सदस्य। / Sameep Singh Gumtalaकार्यक्रम में उपस्थित लोगों को विचारोत्तेजक चर्चाओं के साथ ही मध्य पूर्वी और दक्षिण पूर्व एशिया के व्यंजनों का स्वाद लेने का भी मौका मिला। विभिन्न धर्मों के समुदाय के सदस्यों ने पारंपरिक व्यंजनों का लुत्फ उठाया। उपस्थित लोगों ने उम्मीद जताई कि यह कार्यक्रम सिनसिनाटी के विविध धार्मिक समुदायों के बीच संबंधों को गहरा बनाने में फलदायी साबित होगा।
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