अमेरिका में हिंदुओं के एक बड़े संगठन कोएलिशन ऑफ हिंदूस ऑफ नॉर्थ अमेरिका (CoHNA) ने तुलसी गबार्ड को नेशनल इंटेलिजेंस डायरेक्टर (DNI) बनने पर शुभकामनाएं दी हैं। ये पद अमेरिका में कैबिनेट लेवल का है। तुलसी इस पद पर पहुंचने वाली पहली हिंदू-अमेरिकन हैं।
CoHNA के प्रेसिडेंट निकुंज त्रिवेदी ने कहा कि ये हिंदू-अमेरिकन समुदाय के लिए बेहद गर्व का पल है। उन्होंने कहा कि तुलसी गबार्ड की लीडरशिप, उनका मिलिट्री बैकग्राउंड और नेशनल सिक्योरिटी और ह्यूमन राइट्स के प्रति उनकी कमिटमेंट इस पद के लिए उनकी योग्यता को दिखाती हैं। यानी, उनमें देश की सुरक्षा और इंसानियत की रक्षा करने की काबिलियत है, जो इस ऊंचे पद के लिए बहुत जरूरी है।
निकुंज त्रिवेदी ने आगे कहा, 'आर्मी और कांग्रेस में उनकी बेहतरीन सेवा, देश की सुरक्षा और लोगों के अधिकारों के लिए उनकी लगन, उन्हें इस अहम पद के लिए एकदम सही उम्मीदवार बनाती है। हम उन्हें इस बड़ी जिम्मेदारी में ढेर सारी कामयाबी की दुआ देते हैं।'
तुलसी गबार्ड आर्मी नेशनल गार्ड में 20 साल से अधिक समय तक रही हैं। उन्होंने इराक और कुवैत में अपनी सेवाएं दी हैं। 2005 में उन्हें 'कॉम्बैट मेडिकल बैज' भी मिला। वो चार बार कांग्रेस में भी रहीं और नेशनल सिक्योरिटी, वेटरन्स की हेल्थकेयर, और संविधान से मिलने वाले अधिकारों जैसे मुद्दों पर सबकी सहमति से हल निकालने की कोशिश करती रही हैं।
2012 में उन्होंने पहली बार इतिहास रचा था। वह अमेरिकी हाउस ऑफ रिप्रेजेन्टेटिव्स में चुनी जाने वाली पहली हिंदू-अमेरिकन बनी थीं। लेकिन उसके बाद से गबार्ड को उनके धर्म को लेकर कई हमले झेलने पड़े हैं। कुछ लोगों ने उनके धर्म का मजाक उड़ाया। कुछ लोगों ने उन्हें 'हिंदू राष्ट्रवादी' तक कह दिया।
लेकिन CoHNA के मुताबिक, उसके बाद से वो हिंदू-अमेरिकन्स के लिए प्रेरणा बन गई हैं। वो खुलकर अपने धर्म का पालन करती हैं और दिखाती हैं कि हिंदू मूल्यों ने उनके करियर को कैसे प्रभावित किया है।
DNI के तौर पर तुलसी देश की खुफिया एजेंसियों की देखरेख करेंगी और प्रेसिडेंट को देश की सुरक्षा से जुड़ी जरूरी जानकारी देंगी। CoHNA का कहना है कि उनकी नियुक्ति अमेरिका में हिंदू समुदाय के लिए एक नए अध्याय की शुरुआत है।
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