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बांग्लादेश से 'गायब' हो सकते हैं हिंदू, CoHNA के वेबिनार में वक्ताओं ने किया आगाह

CoHNA की तरफ से आयोजित वेबिनार में वक्ताओं ने बांग्लादेश के हालात को 'जातीय सफाया' करार देते हुए हिंदुओं के खिलाफ हिंसा रोकने का आह्वान किया।

CoHNA ने बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के विरोध में विशेष वेबिनार का आयोजन किया। / Image : COHNA @Facebook

उत्तरी अमेरिका में हिंदुओं के गठबंधन CoHNA ने बांग्लादेश में हिंदुओं के उत्पीड़न के विरोध में विशेष वेबिनार का आयोजन किया। इसमें मानवाधिकार अधिवक्ता डॉ. रिचर्ड बेंकिन सहित कई प्रमुख वक्ताओं ने हिस्सा लिया और बांग्लादेश के हालात को 'जातीय सफाया' करार देते हुए हिंदुओं के खिलाफ हिंसा रोकने का आह्वान किया।

ढाका निवासी प्रोफेशनल सुबिनॉय कुमार साहा ने बांग्लादेश में हिंदुओं से जबरन इस्तीफा लिए जाने और सांस्कृतिक दमन की कहानियां साझा की। CoHNA यूथ एक्शन नेटवर्क के प्रतिनिधि राणा बानिक ने आरोप लगाया मोहम्मद यूनुस सरकार में धुर दक्षिणपंथी समूह हिंदुओं के लिए खतरा बन गए हैं। ऐसे में इंसाफ के लिए युवा पीढ़ी को आगे आना होगा। 

मिशिगन कालीबाड़ी मंदिर के अध्यक्ष श्यामा हलदर ने आगाह किया कि अगर अंतरराष्ट्रीय समुदाय ने हस्तक्षेप नहीं किया तो बांग्लादेश में हिंदू आबादी कुछ ही समय में गायब हो सकती है। उन्होंने बताया कि हिंदुओं की आबादी 1951 के 22 प्रतिशत से अब घटकर महज 8 प्रतिशत से भी कम रह गई है।

श्यामा हलदर ने दफ्तरों में पूर्वाग्रह के अनुभव बताते हुए कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं का उत्पीड़न हालिया मुद्दा नहीं है बल्कि ये संघर्ष दशकों से चल रहा है। हर सरकार में उनके साथ भेदभाव होता आया है। 

वेबिनार में इस्कॉन के संत चिन्मय कृष्ण दास की गिरफ्तारी पर भी चर्चा की गई और कहा गया कि बांग्लादेशी सरकार हिंदू समुदाय को एकजुट करने की उनकी क्षमता के कारण उन्हें एक खतरे की तरह देखती है, इसीलिए उन्हें गिरफ्तार करके जेल में डाल दिया गया है।

वेबिनार के दौरान प्रवासी भारतीयों की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया गया। बांग्लादेशी हिंदुओं के लिए आवाज उठाते हुए हाल के महीनों में न्यूयॉर्क, लॉस एंजिल्स, टोरंटो और लंदन जैसे शहरों में विरोध प्रदर्शन हुए हैं। हलदर के नेतृत्व में मिशिगन के हैमट्रैक में एक रैली भी आयोजित की गई थी। 

बांग्लादेशी हिंदुओं के हक में कांग्रेसी राजा कृष्णमूर्ति, श्री थानेदार, रो खन्ना व सीनेटर चक शूमर के अलावा निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प तथा विवेक रामास्वामी और तुलसी गबार्ड जैसे अमेरिकी नेता भी आवाज बुलंद कर चुके हैं। 

कनाडा में केविन वुओंग, रॉब ओलिफंत, चंद्र आर्य, कमल खेड़ा, मेलिसा लैंट्समैन, शुव मजूमदार और विपक्षी नेता पियरे पोइलीवरे सहित कई सांसद भी निर्णायक कार्रवाई का आह्वान कर चुके हैं।

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