वेंचर कैपिटलिस्ट विनोद खोसला का मानना है कि जल्द ही कंप्यूटर 'इंसानों' को सीख जाएंगे। हाल ही में एबंडेंस समिट 2025 में बोलते हुए, उन्होंने बताया कि नई तकनीकों में बड़ा बदलाव आएगा। उन्होंने बताया कि धड़ल्ले से आ रही नई टेक्नोलॉजी हमारी जिंदगी और काम करने के तरीके को पूरी तरह बदल देगी।
सन माइक्रोसिस्टम्स (Sun Microsystems) के सह-संस्थापक खोसला का मानना है कि अगले दस सालों में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) पारंपरिक प्रोग्रामिंग को खत्म कर देगा। दो पैरों वाले रोबोट कारों से ज्यादा हो जाएंगे और फ्यूजन एनर्जी शहरों को बिजली देगी। भारतीय-अमेरिकी व्यवसायी का मानना है कि हर कर्मचारी आईटी विभाग के पास जाए बिना खुद के लिए एप्लीकेशन बना सकेगा।
समिट में, बिजनेसमैन पीटर एच. डायमेंडिस के साथ बातचीत के दौरान खोसला ने कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) लगभग हर प्रोफेशनल फील्ड को बदल देगा। उन्होंने यह भी बताया कि अगले पांच सालों में हर प्रोफेशनल को AI इंटर्न मिल सकते हैं।
उन्होंने कंपनियों के बड़े अधिकारियों से अपील की कि वे अपने हर फैसले में AI को शामिल करें। खोसला ने सवाल किया, 'क्या हर बोर्ड मीटिंग में AI का इस्तेमाल हो रहा है? क्या हर एग्जीक्यूटिव मीटिंग में इसे खोला जा रहा है? क्या आप AI को भी वही मुश्किल काम (challenges) दे रहे हैं जो आप अपनी टीम को देते हैं?'
खोसला वेंचर्स (Khosla Ventures) के फाउंडर ने यह भी भविष्यवाणी की कि दो पैरों पर चलने वाले रोबोट (bipedal robots) की वजह से शारीरिक मेहनत वाले काम खत्म हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि 20 साल के अंदर दो पैरों वाले रोबोट का कारोबार ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री से भी बड़ा हो जाएगा।
इस निवेशक का अनुमान है कि साल 2040 तक दुनिया में एक बिलियन दो पैरों वाले रोबोट होंगे। ये रोबोट 24 घंटे, सातों दिन काम करेंगे। और पूरी मानवता की शारीरिक मेहनत की क्षमता से भी अधिक काम करेंगे।
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