कैलिफोर्निया के साराटोगा निवासी और कुकबुक 'फ्रॉम गुजरात विद लव' की लेखिका वीना पटेल ने उपराष्ट्रपति कमला हैरिस की दिवाली टेबल के लिए व्यंजनों की योजना बनाई है। वह शनिवार 26 अक्टूबर की दोपहर को कमला (हैरिस) और उनके समर्थकों को मीठा और नमकीन गुजराती खाना बनाना सिखाएंगी। इसके लिए कमला हैरिस विक्ट्री फंड ने निमंत्रण भेजा है। ( यहां : KhandkerS@harrisvictoryfund.org)
मेनू में पारंपरिक पात्र है। एक मीठा, मसालेदार और नमकीन, एक ही समय में पौष्टिक और स्वादिष्ट एपिटाइजर (भूख बढ़ाने वाला तरल पेय)। यह एक पौष्टिक, शाकाहारी नाश्ता है जिसे बनाना बहुत आसान है। अरबी के पत्तों को मसालेदार मिश्रण में लपेटकर, रोल करके भाप में पकाया जाता है। दूसरी डिश एक बहुत ही खास स्वीट डिश है। पान के लड्डू!
वीना पटेल ने अपने मूल देश की दिवाली परंपराओं का लगातार निर्वाह किया है अपने तीन बच्चों और पति हर्ष पटेल के साथ दिवाली मनाई है। वे कहती हैं कि मैं अब भी ऐसा करती हूं! मैंने अपनी गुजराती परंपराओं को जीवित रखा है। बड़े होने पर मेरी मां, दादी और भाभी मगस, माथिया और चेव्डो जैसे स्वादिष्ट व्यंजन बनाती थीं। उन्हें हमारे पड़ोसियों और रिश्तेदारों के साथ साझा करने के लिए करीने से स्टेनलेस स्टील के थाल में व्यवस्थित करती थीं। इस परंपरा में मदद करने की मेरी सुखद यादें हैं और मैंने इन थालियों को कई पड़ोसियों और करीबी दोस्तों तक पहुंचाकर इसे खाड़ी क्षेत्र में आगे बढ़ाने की पूरी कोशिश की है। यह मेरी भारतीय जड़ों से जुड़े रहने का एक सार्थक तरीका जैसा लगता है। जब भी मैं अपने वयस्क बच्चों के घर जाती हूं तो इन परंपराओं को जीवंत करती हूं।
नये घर में पुरानी परंपराएं
वैली में भारत के बच्चे अपनी पुरानी परंपराओं को बरकरार रखते हैं और कुछ नई परंपराओं को अपनाते हैं। पिछले साल मैं विस्कॉन्सिन में थी जहां बहुत अधिक भारतीय नहीं हैं। मेरे बहुत सारे अमेरिकी मित्र थे। इसलिए मैंने उन्हें आमंत्रित किया और चावल की खीर बनाई और हमने देवी लक्ष्मी की पूजा की। इस साल बे एरिया में मैं सुबह सैन जोस में गुरुद्वारे और शाम को मंदिर जाऊंगी। मेरी मां सिख हैं और पिता हिंदू।
सिलिकॉन वैली के युवा इंजीनियरों की खरीदारी
भारत के माता-पिता द्वारा फोन पर तय की गई सूचियों से लैस सिलिकॉन वैली के युवा इंजीनियरों द्वारा पूजा का सामान खरीदा जाता है। एक किराने की दुकान जो बॉलीवुड संगीत और सजाए गए चॉकलेट पान के साथ खरीदारों का स्वागत करती है, उसमें हर तरफ दिवाली की चीजें बिखरी पड़ी हैं। इस किराने की दुकान का नाम है- अपनी मंडी। यहां हर परिवार की दिवाली परंपराओं को निभाने के लिए दीपक, पूजा सामग्री जैसे अगरबत्ती, मंदिर, देवी-देवताओं की मूर्तियां उपलब्ध हैं। दिवाली की मिठाइयां ट्रे में लगी हुई हैं। चाय के गर्म मीठे (भाप से भरे) कप निःशुल्क लिए जा सकते हैं।
स्टैनफोर्ड से हाल ही में स्नातक और अब एक सेमीकंडक्टर कंपनी के लिए काम कर रहे अभिषेक ने बताया कि हमने कॉलेज के साथियों के साथ जश्न मनाया। कॉलेज सोसायटी ने एक उत्सव मनाया था। मैंने भी उसमें भाग लिया। अभिषेक और उसके दो दोस्त, जो हाल ही में स्टैनफोड से स्नातक हुए हैं, किराने की दुकान पर मिल रही मुफ्त चाय की चुस्की लेने बैठे। वे दिवाली की रात एक साथ रहेंगे। किसी भारतीय रेस्तरां में विशेष रात्रिभोज का आनंद लेंगे।
सिलिकॉन वैली के बाजार गुलजार और कंपनियां उत्साहित
सिलिकॉन वैली की कंपनियां भी अपने कर्मियों और विशेष रूप से भारतीय मूल के कर्मचारियों को खुश करने के लिए काफी कुछ कर रही हैं। ईबे का उत्सव सप्ताह भर का है। डांस कंपीटीशन की भी योजना है। स्थानीय बाजारों में दुकानें सुबह जल्द खुल रही हैं और देर रात तक गुलजार हैं।
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