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कॉर्नेल यूनिवर्सिटी ने रतन टाटा डिस्टिंग्विश्ड एलुमनी अवॉर्ड शुरू करने का ऐलान किया

रतन टाटा के नाम पर यह अवॉर्ड AAP के उन पूर्व छात्रों को दिया जाएगा जो बेहतरीन लीडरशिप के साथ समाज के लिए कुछ करने की जिम्मेदारी लेते हों। रतन टाटा ने 1955 में कॉर्नेल के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया था, लेकिन बाद में AAP में चले गए और आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल की।

अक्टूबर 2012 में तत्कालीन प्रमुख डेविड जे. स्कोर्टन ने रतन टाटा को कॉर्नेल एंटरप्रेन्योर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया था। / Image- Cornell University

कॉर्नेल (Cornell) यूनिवर्सिटी के कॉलेज ऑफ आर्किटेक्चर, आर्ट एंड प्लानिंग (AAP) ने एक नया रतन टाटा डिस्टिंग्विश्ड एलुमनी अवॉर्ड शुरू करने का ऐलान किया है। ये अवॉर्ड दिवंगत भारतीय उद्योगपति रतन टाटा की दानशीलता और दुनियाभर में उनके काम को याद रखने के लिए है। रतन टाटा कॉर्नेल यूनिवर्सिटी के ट्रस्टी और टाटा संस के चेयरमैन एमेरिटस भी रह चुके थे। इस साल 9 अक्टूबर को उनका देहांत हो गया था।

कॉर्नेल के अंतरिम प्रेसिडेंट, माइकल आई. कोटलिकॉफ ने रतन टाटा के योगदान की तारीफ करते हुए कहा, 'रतन टाटा का कॉर्नेल पर बहुत बड़ा असर रहा है। उनके उदार दान ने कॉर्नेल के मूल्यों और प्राथमिकताओं को दिखाया। यूनिवर्सिटी के मिशन को आगे बढ़ाने में उनकी मदद से कॉर्नेल दशकों तक तरक्की करता रहा।'

रतन टाटा के नाम पर यह अवॉर्ड AAP के उन पूर्व छात्रों को दिया जाएगा जो बेहतरीन लीडरशिप के साथ समाज के लिए कुछ करने की जिम्मेदारी लेते हों। जिंदगी भर लोगों की भलाई के लिए समर्पित रहे टाटा इस अवॉर्ड के पहले (मरणोपरांत) हासिल करने वाले शख्सियत होंगे। इस साल की शुरुआत में जब ये अवॉर्ड तैयार हो रहा था, तब टाटा ने कहा था, 'AAP में बिताए मेरे कॉर्नेल के साल मेरे दिल के बहुत करीब हैं। यहां मिली शिक्षा ने मेरी जिंदगी और सोच को काफी बदल दिया। मुझे बहुत खुशी है कि ये अवॉर्ड उन लोगों को भी मिलता रहेगा जो अपनी कॉर्नेल की पढ़ाई का इस्तेमाल दुनिया में कुछ अच्छा करने के लिए करते हैं।'

AAP की डीन जे. मीजिन यून ने रतन टाटा की इंसानियत के प्रति समर्पण पर जोर दिया। यून ने कहा, 'इस अवॉर्ड से हम उनकी विरासत और उन दूसरे लोगों के काम को याद करेंगे जो दुनिया में अच्छा बदलाव लाने के लिए इसी तरह काम करते हैं।' 

रतन टाटा ने 1955 में कॉर्नेल के कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग में एडमिशन लिया था, लेकिन बाद में AAP में चले गए और आर्किटेक्चर में डिग्री हासिल की। थोड़े समय के लिए लॉस एंजिल्स में काम करने के बाद वो वापस भारत आ गए और टाटा संस में शामिल हो गए। 1991 से 2012 तक चेयरमैन रहते हुए उन्होंने टाटा समूह को ऊंचाइयों तक पहुंचा दिया। उनके नेतृत्व में टाटा ग्रुप ने 2012 तक 100 बिलियन डॉलर का राजस्व हासिल किया और टाटा ट्रस्ट्स के जरिये लोगों की भलाई के अपने कामों को भी बढ़ाया। रिटायरमेंट के बाद भी वे ट्रस्ट के प्रमुख के तौर पर काम करते रहे। ये ट्रस्ट पोषण, शिक्षा, पानी, सफाई और सामाजिक न्याय जैसे अलग-अलग क्षेत्रों में काम करते हैं।

टाटा संस के चेयरमैन, एन. चंद्रशेखरन ने कहा, 'रतन टाटा के बेहतरीन नेतृत्व और सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति लगन ने भारत और दुनिया पर एक गहरा असर छोड़ा है। उन्हें कॉर्नेल यूनिवर्सिटी से बहुत लगाव था, जिसने उनकी जिंदगी में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।' कॉर्नेल में टाटा के योगदान में भारत के छात्रों के लिए टाटा स्कॉलरशिप और टाटा-कॉर्नेल इंस्टिट्यूट फॉर एग्रीकल्चर एंड न्यूट्रिशन शामिल है। उनके योगदान से न्यू यॉर्क शहर में कॉर्नेल टेक में टाटा इनोवेशन सेंटर भी बना। रतन टाटा डिस्टिंग्विश्ड एलुमनी अवॉर्ड के पहले समारोह की घोषणा बाद में की जाएगी। 

 

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