वित्तीय वर्ष 2023 में कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) में कंपनियों की भागीदारी 22 प्रतिशत तक बढ़ी है। एक सर्वे से पता चला है कि 83 प्रतिशत से अधिक टेक कंपनियों ने अपनी कुल आय का 2 प्रतिशत से अधिक सीएसआर पर खर्च किया।
पिछले दशक में सीएसआर ने एजुकेशन, स्किलिंग और सस्टेनेबिलिटी के जरिए लाखों लोगों को सशक्त बनाया है। भारतीय टेक इंडस्ट्री डिजिटल सॉल्यूशन्स को नेशनल प्रायोरिटी और वैश्विक लक्ष्यों के साथ जोड़कर इस बदलाव को आगे बढ़ा रही है।
इस ट्रेंड को समझने के लिए नैसकॉम और नैसकॉम फाउंडेशन ने बैड कंसल्टिंग के साथ मिलकर एक रिपोर्ट जारी की है। इसका नाम टेक इंडस्ट्री एंड सीएसआरः इनसाइट्स एंड इम्पैक्टफुल स्टोरीज ऑफ चेंज है। यह रिपोर्ट 270 से अधिक टेक और नॉन टेक कंपनियों का विश्लेषण करके और सीएसआर लीडर्स से बातचीत करके तैयार की गई है।
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इस रिपोर्ट के मुताबिक, कुल सीएसआर खर्च में 13 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है जो सामाजिक जिम्मेदारी के प्रति कंपनियों की बढ़ती प्रतिबद्धता को दर्शाता है। साल 2019 में जहां 64 प्रतिशत कंपनियां अपनी आय का 2 प्रतिशत से अधिक सीएसआर पर खर्च कर रही थीं, वहीं 2023 में यह आंकड़ा 74 प्रतिशत हो गया।
सीएसआर में टेक कंपनियों की बड़ी भूमिका है। भारत के टॉप 20 सीएसआर योगदानकर्ताओं में इनकी 23 प्रतिशत हिस्सेदारी है। 2023 में 75 प्रमुख टेक कंपनियों ने 2,610 से अधिक सीएसआर प्रोजेक्ट्स शुरू किए जिनमें एजुकेशन, हेल्थकेयर, पर्यावरण सस्टेनेबिलिटी, स्किलिंग और क्लाइमेट चेंज शामिल हैं।
सर्वे के अनुसार, 41 प्रतिशत कंपनियां सीएसआर लक्ष्यों को सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स और नेशनल एजेंडा के साथ प्राथमिकता दे रही हैं। प्रमुख राष्ट्रीय प्राथमिकताओं में रोजगार सृजन, स्किलिंग और सोशल जस्टिस शामिल हैं।
नैसकॉम के सीनियर डायरेक्टर अच्युत घोष के अनुसार, सीएसआर प्रभाव मापने के तरीके बदल रहे हैं। अब कंपनियां सिर्फ खर्च पर ध्यान न देकर जीवन में आए बदलाव और कार्बन फुटप्रिंट में कमी को भी महत्व दे रही हैं। टेक इंडस्ट्री ने इस दिशा में इनोवेशन और एफिशिएंसी को बढ़ावा दिया है।
टेक्नोलॉजी सेक्टर का सीएसआर में उपयोग बढ़ रहा है। 2024 में 65 प्रतिशत प्रोजेक्ट टेक से संबंधित होने का अनुमान है। एआई, डिजिटल फाइनेंस और एडवांस टीचर ट्रेनिंग जैसी तकनीकें सामाजिक बदलाव में मदद कर रही हैं।
नैसकॉम फाउंडेशन की सीईओ ज्योति शर्मा ने कहा कि सीएसआर लैंडस्केप में स्किलिंग, सोशल इनोवेशन और वुमन एंटरप्रेन्योरशिप अहम भूमिका निभा रहे हैं। हम टेक्नोलॉजी के जरिए समग्र ग्रोथ को बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।
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