बांग्लादेश और भारत के निचले इलाकों में आए शक्तिशाली चक्रवात रेमाल के कारण कम से कम 65 लोगों की मौत हो गई है। जनहानि का एक बड़ा कारण चक्रवात के चलते होने वाली मूसलाधार बारिश और तूफान है।
चक्रवात रेमाल 26 मई की शाम को भयंकर आंधी और टकराती लहरों के साथ पहुंचा था और यह धीरे-धीरे अंदर की ओर बढ़ा। इससे बाढ़ आ गई और भूस्खलन शुरू हो गया। राज्य संचालित बांग्लादेश मौसम विज्ञान विभाग के निदेशक अजीजुर रहमान ने कहा कि चक्रवात देश के इतिहास में सबसे लंबे समय तक चलने वाले चक्रवातों में से एक था। इसके लिए रहमान ने जलवायु परिवर्तन को जिम्मेदार ठहराया है।
आपदा प्रबंधन कार्यालय और पुलिस के अनुसार चक्रवात का खामियाजा भुगतने वाले बांग्लादेश में कम से कम 17 लोगों की मौत हो गई है। कुछ लोग डूब गये तो कुछ मलबा, पेड़ गिरने या बिजली के तारों के गिरने से मारे गए।
चक्रवात के चलते भारत में 48 लोगों की मृत्यु हो चुकी है। सरकार की ओर से और मीडिया रिपोर्टों में कहा गया है कि अधिकांश मारे गये लोग पूर्वोत्तर भारत के मिजोरम राज्य के हैं। मिजोरम में 28 लोग चक्रवात में अपनी जान खो चुके हैं। मिजोरम सरकार ने एक बयान में कहा इनमें कि 28 मई को बारिश और तूफान में ढह गई खदान में दब गए 14 मजदूर भी शामिल हैं।
वरिष्ठ सरकारी अधिकारी सुमित गुप्ता ने 29 मई को बताया कि पश्चिम बंगाल राज्य में 10 लोगों की मौत हो गई है। असम, नगालैंड और मेघालय राज्यों में कम से कम 10 अन्य लोगों की मौत हो गई।
बांग्लादेश और भारत में हर साल चक्रवात आते हैं लेकिन घनी आबादी वाले तट पर आने वाले महातूफानों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है। वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण तूफान बढ़ रहे हैं।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login