न्यूयॉर्क स्थित चोपड़ा फाउंडेशन का सालाना सेज एंड साइंटिस्ट्स सिंपोजियम इस साल 14-15 सितंबर को कैम्ब्रिज मैसाचुसेट्स स्थित हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित किया जाएगा।
दीपक चोपड़ा की अगुआई में यह इवेंट जनकल्याण, मानवता एवं अन्य महत्वपूर्ण वैश्विक मुद्दों के समाधान के उद्देश्य से विभिन्न क्षेत्रों की प्रमुख हस्तियों को एक मंच पर लेकर आएगा। संगोष्ठी का उद्देश्य प्राचीन ज्ञान एवं आधुनिक विज्ञान को जोड़कर अभिनव समाधानों को बढ़ावा देना है।
सिंपोजियम के मुख्य वक्ताओं में उद्यमी गैरी वायनेरचुक, सेल्सफोर्स के सीईओ मार्क बेनिओफ, न्यूरोसाइंटिस्ट रूडोल्फ तंजी और अंतरिक्ष यात्री अनुशेह अंसारी शामिल हैं। इस दौरान क्वांटम चेतना, दीर्घायु, कृत्रिम बुद्धिमत्ता और उभरती प्रौद्योगिकियों के नैतिक निहितार्थ आदि विषयों पर विचार मंथन किया जाएगा।
दीपक चोपड़ा ने संगोष्ठी के उद्देश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि तेजी से बदलती दुनिया में अधिक सामंजस्यपूर्ण और टिकाऊ भविष्य बनाने के लिए इन दो क्षेत्रों के बीच की खाई को पाटना पहले से कहीं अधिक महत्वपूर्ण हो गया है।
संगोष्ठी के सत्रों में मानसिक स्वास्थ्य उपचार, सटीक चिकित्सा और मस्तिष्क-कंप्यूटर इंटरफेस जैसे विभिन्न विषयों को कवर किया जाएगा। इसके अलावा वैश्विक नवाचार में अफ्रीका की बढ़ती भूमिका, प्रौद्योगिकी, सतत विकास एवं वैश्विक चुनौतियों के अद्वितीय समाधानों पर भी चर्चा होगी।
चोपड़ा फाउंडेशन के सीईओ पूनाचा मचैया ने कहा कि एक साझा उद्देश्य के साथ विभिन्न प्रतिभाओं को एकजुट करके हम न सिर्फ भविष्य पर चर्चा करेंगे बल्कि सक्रिय रूप से इसे आकार देने का प्रयास भी करेंगे। यह संगोष्ठी ऐसी दुनिया को बढ़ावा देने की हमारी प्रतिबद्धता का प्रतीक है, जहां इनोवेशन करुणा से मिलता है। जहां अनुभव के ज्ञान, आधुनिक विज्ञान और तकनीक के मेल से सबसे अधिक दवाब वाली वैश्विक चुनौतियों के समाधान की संभावनाओं पर विचार होगा।
आयोजकों ने बताया कि इस सिंपोजियम में वैज्ञानिक, उद्यमी, शिक्षक और आध्यात्मिक साधक हिस्सा ले सकेंगे और अपने ज्ञान का विस्तार करने और परस्पर दुनिया में योगदान देने के अपने उद्देश्यों को आगे बढ़ सकेंगे।
चोपड़ा फाउंडेशन ने विश्व स्तर पर इस संगोष्ठी का विस्तार करने की योजना बनाई है। इसका यूरोपीय संस्करण स्पेन के मलोर्का में आयोजित किया जाएगा, जिसमें जिम्मेदार पर्यटन के साथ आधुनिक तकनीक को एकीकृत करने पर जोर रहेगा।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login