अमेरिकी चुनावों में डेमोक्रेटिक पार्टी और कमला हैरिस की करारी हार के लिए क्या बाहरी तत्व जिम्मेदार थे? कुछ इसी तरह के दावे डेमोक्रेटिक पार्टी के वरिष्ठ नेताओं ने किए हैं।
कमला हैरिस के शीर्ष सलाहकार जिनमें उनके कैंपेन चेयरमैन जेन ओ'माली डिलन, डिप्टी कैंपेन मैनेजर क्वेंटिन फुलक्स और एजवाइजर स्टेफ़नी कटर और डेविड प्लॉफ़ शामिल हैं, ने हाल ही में एक इंटरव्यू में हार के लिए अन्य बाहरी फैक्टर्स को जिम्मेदार बताया।
उन्होंने कहा कि कोरोना महामारी के बाद अमेरिका में बिगड़े आर्थिक हालात और हैरिस को प्रचार के लिए महज 107 दिनों का समय मिलना डेमोक्रेटिक पार्टी के लिए खराब साबित हुआ। चुनाव के आखिरी दिनों में दो तूफानों ने भी लोगों को ध्यान हैरिस के कैंपेन से हटा दिया।
कमला हैरिस की करारी हार के बाद डेमोक्रेटिक पार्टी के बहुत से नेता पार्टी में आमूलचूल परिवर्तन की मांग उठा रहे हैं। पार्टी एक भी बैटलग्राउंड स्टेट जीतने में कामयाब नहीं हो पाई थी। पार्टी के कोर वोटर माने जाने वाले वर्किंग क्लास, लातिनो मूल के नागरिक और महिलाओं के बीच भी अपना आधार खो दिया है।
डेमोक्रेटिक नेशनल कमेटी चेयरमैन जैमी हैरिसन ने हालांकि हार की इतनी ज्यादा तवज्जो न देने की बात कही है। उन्होंने एक मेमो में लिखा कि वैसे तो डेमोक्रेट्स उतना कुछ हासिल नहीं कर पाए, जिसके वह हकदार थे। लेकिन ट्रम्प भी 50 फीसदी से अधिक वोटों हासिल नहीं कर पाए हैं। ट्रम्प को पूरा मैंडेट नहीं मिला है।
हैरिसन ने कहा कि ये नतीजे वैश्विक पैटर्न के अनुसार ही हैं जिसमें 80% सत्तारूढ़ दलों को 2024 में अपनी सीटें या वोट शेयर खोना पड़ा है। यूरोप में धुर दक्षिणपंथी पार्टियां मजबूत हुई हैं जो जलवायु परिवर्तन और आव्रजन समर्थक नीतियों पर सवाल उठा रही हैं।
डेमोक्रेटिक नेताओं ने पार्टी को फिर से खड़ा करने के लिए लोगों से दान देने की अपील की है। डेमोक्रेट्स ने 2024 के चुनावी अभियान में लगभग 1.5 बिलियन डॉलर जुटाए थे। इसमें से अधिकतर रकम जुलाई के अंत में राष्ट्रपति जो बाइडेन से कमला हैरिस को उम्मीदवारी मिलने के बाद आई थी। हालांकि इस सबके बावजूद चुनावों ने पार्टी को आर्थिक और राजनीतिक दोनों तरीके से चोट पहुंचाई है।
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