अमेरिका के न्यूयॉर्क में 23 मई को भारतीय वाणिज्य दूतावास में आयोजित एक कार्यक्रम में दो शीर्ष विशेषज्ञों ने कहा कि 2047 तक विकसित भारत का लक्ष्य हासिल किया जा सकता है। भारत सरकार के कैपेसिटी बिल्डिंग आयोग के अध्यक्ष आदिल जैनुलभाई और इंडिया फर्स्ट ग्रुप के संस्थापक और सीईओ रॉन सोमर्स ने कहा कि पिछले तीन दशकों में भारत में विकास शानदार रहा है। कई फैक्टर इस आशावाद को बढ़ा रहे हैं कि भारत अपनी स्वतंत्रता का 100वां वर्ष मनाते समय एक विकसित राष्ट्र होगा।
सार्वजनिक और निजी क्षेत्र के दिग्गज जैनुलभाई और सोमर्स ने 'विकसित भारत @ 2047' कार्यक्रम में विस्तार से प्रेजेंटेशन दिया। इसके बाद विश्व बैंक लीडरशिप के वरिष्ठ सलाहकार और कैपेसिटी बिल्डिंग आयोग के सचिव हेमंग जानी की ओर से संचालित एक चर्चा और प्रश्नोत्तरी सेशन का आयोजन किया गया। इस मौके पर वाणिज्य दूत बिनय श्रीकांत प्रधान ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का सपना है कि 2047 तक भारत एक विकसित देश बन जाए। इस सपने को पूरा करने के लिए एक रोडमैप तैयार किया गया है। इसके लिए मिलकर काम करना होगा। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका इस बड़े लक्ष्य में एक अहम भागीदार है।
जैनुलभाई और सोमर्स ने कहा कि पिछले तीन दशकों में भारत का विकास अद्भुत रहा है। कई फैक्टर इस उम्मीद को बढ़ा रहे हैं कि 25 साल के अंदर भारत एक विकसित देश बन जाएगा।
जैनुलभाई पहले मैकिन्से एंड कंपनी के अध्यक्ष थे। वह रिलायंस, L&T, सिप्ला के बोर्ड में हैं। उन्होंने अपनी प्रस्तुति की शुरुआत गुरुग्राम की दो तस्वीरों को एक साथ रखकर की। दो दशक पहले जब यह सूखा खेत हुआ करता था। लेकिन आज यह एक तेजी से बढ़ता हुआ शहर है। एक ऐसा शहर जो ग्लोबल दिग्गज कंपनियों को आकर्षित करता है।
उन्होंने बताया कि 1997 में 0.42 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था से भारत आज 3.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन गया है। यह दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था है। स्टार्टअप तेजी से बढ़ रहे हैं। कुछ कंपनियां और बैंक विश्व स्तर पर भी बड़े हैं। आज आबादी का पांचवां हिस्सा ऊपरी-मध्यम या निचले-मध्यम वर्ग का है। UPI और आधार कार्ड ने भुगतान और डेटा सिस्टम में क्रांति ला दी है। उन्होंने कहा कि भारत के विकास को तेज करने वाले इंजन में बढ़ता व्यापार और निवेश, तकनीक और इनोवेशन, शिक्षा और स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र शामिल हैं। श्रोताओं के एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि निर्माण क्षेत्र में नौकरियों की भरमार है, लेकिन कई युवा सरकारी नौकरियों की सुरक्षा चाहते हैं।
New India Abroad के पूछे गए सवाल पर जैनुलभाई ने कहा कि जनसंख्या नियंत्रण की कोई बड़ी जरूरत नहीं है, क्योंकि रुझान उत्साहजनक हैं। दरअसल, दक्षिण भारत के अधिक समृद्ध राज्यों में बर्थ रेट पहले से ही गिर रही है। उन्होंने कहा कि जीडीपी और प्रति व्यक्ति आय बढ़ाने से बाकी सब ठीक हो जाएगा। इंडिया फर्स्ट ग्रुप के प्रमुख रॉन सोमर्स भारत में निवेश करने वाली अमेरिकी कंपनियों और अमेरिका आने वाली भारतीय कंपनियों को सलाह देते हैं। उन्होंने कहा कि मोदी से पहले की भारत की सरकारों ने भी सुधार प्रक्रिया और विकास के महत्व को समझा था। इंन्फ्रास्ट्रक्चर का विकास, विकास को बढ़ावा देने में एक प्रमुख फैक्टर है।
भारत में चल रहे लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए सोमर्स ने देश की निष्पक्ष और पारदर्शी चुनावी प्रक्रिया की सराहना की। उन्होंने कहा कि भारत दुनिया के लिए लोकतंत्र का प्रकाशस्तंभ बनकर उभर रहा है। उप वाणिज्य दूत डॉ. वरुण जेफ ने बातचीत के दौरान उठाये गए बिंदुओं को संक्षेप में पेश किया। उन्होंने पैनल और भारत के विकास में शामिल कॉरपोरेट, गैर-सरकारी संगठन और सरकारी क्षेत्रों के 100 से अधिक आमंत्रितों को धन्यवाद दिया। इसके बाद एक शानदार डिनर आयोजित किया गया।
भारतीय वाणिज्य दूतावास ने इस कार्यक्रम का आयोजन भारत के कैपेसिटी बिल्डिंग आयोग के सहयोग से किया था। वाणिज्य दूत बिनय प्रधान ने कहा कि इस तरह के और भी कार्यक्रम और चर्चाएं आयोजित की जाएंगी। इसी तरह की चर्चाएं भारत में भी हो रही हैं। उदाहरण के लिए, पिछले हफ्ते नई दिल्ली में आयोजित 'डिजिटल भारत, विकसित भारत' एक बड़ा कार्यक्रम था। इस कार्यक्रम में बोलते हुए केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने कहा कि सभी क्षेत्रों में, खासकर स्टार्टअप और यूनिकॉर्न इकोसिस्टम में समग्र आर्थिक विकास के साथ भारत 2047 से पहले भी विकसित देश का दर्जा हासिल कर सकता है।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login