अमेरिकी होमलैंड सिक्योरिटी डिपार्टमेंट (DHS) ने अमेरिकी इमिग्रेशन एंड कस्टम्स एनफोर्समेंट (ICE) के माध्यम से 22 अक्टूबर को ऐसे भारतीय नागरिकों को चार्टर विमान से डिपोर्ट किया गया जिनके पास अमेरिका में रहने का कानूनी अधिकार नहीं था। यह विशेष अभियान भारतीय सरकार के साथ सहयोग से चलाया गया। यह कदम DHS की अनियमित प्रवास को कम करने और रोकने की प्रतिबद्धता के अनुसार है। इसका लक्ष्य अपने अंतरराष्ट्रीय साझेदारों के साथ मिलकर मानव तस्करी का मुकाबला करना है।
होमलैंड सिक्योरिटी के उप-सचिव क्रिस्टी ए. केनेगैलो ने कहा, 'संयुक्त राज्य अमेरिका में बिना कानूनी आधार के रहने वाले भारतीय नागरिक तेजी से हटाए जाएंगे। ऐसे लोगों को तस्करों के झूठ का शिकार नहीं होना चाहिए जो मिथ्या दावा करते हैं। होमलैंड सिक्योरिटी विभाग हमारे देश के कानूनों को लागू करना जारी रखेगा।'
पिछले एक साल में, DHS ने दुनिया भर के कई देशों में लोगों को वापस भेजा है। इनमें कोलंबिया, इक्वाडोर, पेरू, मिस्र, मॉरिटानिया, सेनेगल, उज्बेकिस्तान, चीन (PRC) और भारत शामिल हैं। इन कोशिशों के नतीजे में DHS ने वित्त वर्ष 2010 के बाद से किसी भी साल की तुलना में वित्त वर्ष 2024 में अधिक लोगों को उनके देश वापस भेजा या निकाला है।
एक बयान में कहा गया है कि वित्तीय वर्ष 2024 में, डीएचएस ने 160000 से अधिक व्यक्तियों को वापस भेजा है, जिसमें भारत सहित 145 से अधिक देशों के लिए 495 से अधिक अंतरराष्ट्रीय प्रत्यावर्तन उड़ाने संचालित कीं। कैनेगलो ने आगे कहा कि डीएचएस अमेरिका में रहने के लिए कानूनी आधार के बिना अपने नागरिकों के प्रत्यावर्तन को स्वीकार करने के लिए दुनिया भर में विदेशी सरकारों के साथ नियमित रूप से जुड़ा हुआ है।
उन्होंने कहा कि यह प्रयास अमेरिकी सरकार की व्यापक रणनीति का हिस्सा है, जो अवैध प्रवासन को कम करने, सुरक्षित और कानूनी प्रवासन को बढ़ावा देने के साथ ही मानव तस्करी और शोषण में शामिल लोगों को जवाबदेह ठहराने के लिए है।
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