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दिलीप यवगल स्ट्रोक हीरो अवार्ड के फाइनलिस्ट्स में, इस पुरस्कार की भी रेस में

अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन यह अवार्ड ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं को प्रदान करता है जिन्होंने स्ट्रोक से बचाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।  

दिलीप यवगल मियामी यूनिवर्सिटी और जैक्सन मेमोरियल अस्पताल में न्यूरोलॉजी एवं न्यूरोसर्जरी के क्लीनिकल प्रोफेसर हैं। / courtesy image

अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन ने दिलीप यवगल को साल 2025 के स्ट्रोक हीरो अवार्ड के 12 फाइनलिस्ट में शुमार किया है। उन्हें वोटर्स चॉइस हीरो अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है।  

यह सम्मान ऐसे लोगों को प्रदान किया जाता है जो स्ट्रोक के प्रति जागरूकता बढ़ाने, इसे रोकने और इसके बेहतर इलाज की दिशा में काम करते हुए अपना योगदान दे रहे हैं।  

दिलीप यवगल मियामी यूनिवर्सिटी और जैक्सन मेमोरियल अस्पताल में न्यूरोलॉजी एवं न्यूरोसर्जरी के क्लीनिकल प्रोफेसर हैं। उन्होंने अपना करियर कम एवं मध्यम आय वाले देशों में स्ट्रोक ट्रीटमेंट तक लोगों की पहुंच बढ़ाने के लिए समर्पित किया है।  

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दिलीप मियामी विश्वविद्यालय में एंडोवास्कुलर डिवीजन के प्रमुख, इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजी के डायरेक्टर और न्यूरोएंडोवास्कुलर सर्जरी के सह-निदेशक हैं। इसके अलावा वह इंटर डिसिप्लिनरी स्टेम सेल इंस्टीट्यूट में न्यूरोस्टेम सेल डिवीजन के निदेशक भी हैं।  

दिलीप यवगल सोसाइटी ऑफ वैस्कुलर एंड इंटरवेंशनल न्यूरोलॉजी (SVIN) के सह संस्थापक हैं। उन्होंने SVIN मिशन थ्रोम्बेक्टॉमी प्रोग्राम की स्थापना की है इसका उद्देश्य पूरी दुनिया में स्ट्रोक के मरीजों को लाइफ सेविंग थ्रोम्बेक्टॉमी ऑपरेशन की सुविधा देना है।  

यवगल ने लिंक्डइन पोस्ट में कहा कि यह अवार्ड हमें मिशन थ्रोम्बेक्टॉमी के प्रयासों को जनता तक लाने का अवसर प्रदान करेगा ताकि हर स्ट्रोक के जरूरतमंद मरीज को यह इमरजेंसी ट्रीटमेंट मिल सके।

दिलीप यवगल के बारे में बताएं तो उन्होंने मुंबई के केईएम हॉस्पिटल और सेठ जीएस मेडिकल कॉलेज से MBBS किया है। उसके बाद किंग एडवर्ड मेमोरियल हॉस्पिटल से एमडी करने के बाद हार्वर्ड मेडिकल स्कूल में न्यूरोलॉजी रेजीडेंसी पूरी की। 

उन्होंने कोलंबिया विश्वविद्यालय में क्रिटिकल केयर न्यूरोलॉजी फेलोशिप और यूसीएलए के डेविड गेफेन स्कूल ऑफ मेडिसिन में इंटरवेंशनल न्यूरो रेडियोलॉजी फेलोशिप भी पूरी की है।

यवगल ने कहा कि स्ट्रोक लोगों में विकलांगता और मृत्यु का एक बड़ा कारण है खासकर ऐसे समुदायों में जहां इसका इलाज समय पर नहीं मिल पाता। स्ट्रोक के लक्षणों की पहचान करना, समय पर 911 कॉल करना और इमरजेंसी ट्रीटमेंट लेना बहुत जरूरी है। 

जागरूकता की कमी के कारण कई लोगों को सही समय पर इलाज नहीं मिल पाता। अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन के अनुसार, हर साल करीब 8 लाख से अधिक अमेरिकी नागरिक स्ट्रोक का शिकार होते हैं। इनमें से कई मरीजों को पूरी जिंदगी केयर और सपोर्ट की जरूरत पड़ती है।

अमेरिकन स्ट्रोक एसोसिएशन अमेरिकन हार्ट एसोसिएशन का ही पार्ट है। यह हर साल स्ट्रोक हीरो अवार्ड के लिए 250 से ज्यादा नॉमिनेशन की समीक्षा करता है। यह अवार्ड ऐसे व्यक्तियों और संस्थाओं को दिया जाता है जिन्होंने स्ट्रोक से बचाने में उल्लेखनीय योगदान दिया है।  

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