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क्वॉड शिखर सम्मेलन के लिए अब नई तारीखों पर चल रहा है विचार-विमर्श

बाइडन गणतंत्र दिवस परेड समारोह में शामिल होने के लिए भारत नहीं आ रहे हैं। माना जाता है कि इस निर्णय के पीछे जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में ‘स्टेट ऑफ द यूनियन' संबोधन, बाइडन का फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर ध्यान देना और हमास-इजराइल संघर्ष पर अमेरिका का बढ़ता ध्यान शामिल है।

बाइडन गणतंत्र दिवस परेड समारोह में शामिल होने के लिए भारत नहीं आ रहे हैं। फोटो : @Kanthan2030 /

अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडन जनवरी 2024 में गणतंत्र दिवस परेड समारोह में शामिल होने के लिए भारत नहीं आ रहे हैं। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक उस समय के आसपास प्रस्तावित क्वॉड शिखर सम्मेलन को स्थगित किया जा रहा है। भारत सम्मेलन को अगले साल बाद में आयोजित कराने पर विचार कर रहा है। भारत ने अगले साल जनवरी में क्वॉड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की अपनी योजना के तहत राष्ट्रपति बाइडन को गणतंत्र दिवस समारोह के लिए आमंत्रित किया था।

माना जाता है कि इस निर्णय के कारणों में जनवरी के अंत या फरवरी की शुरुआत में ‘स्टेट ऑफ द यूनियन' संबोधन, बाइडन का फिर से राष्ट्रपति चुनाव लड़ने पर ध्यान देना और हमास-इजराइल संघर्ष पर अमेरिका का बढ़ता ध्यान शामिल है। अब क्वॉड शिखर सम्मेलन के लिए नई तारीखों का ऐलान जल्द ही किया जाएगा। राष्ट्रपति बाइडन, ऑस्ट्रेलियाई प्रधानमंत्री एंथनी अल्बानीज और जापान के प्रधानमंत्री फुमियो किशिदा की उपलब्धता का पता लगाने के बाद अंतिम निर्णय लेने की बात सामने आ रही है।

गणतंत्र दिवस के मुख्य अतिथि बनने का निमंत्रण भारत सरकार के दृष्टिकोण से अत्यधिक प्रतीकात्मक है। औपचारिक निमंत्रण आमतौर पर अनौपचारिक रूप से नेताओं की उपलब्धता का पता लगाने के बाद ही भेजा जाता है। यह दूसरी बार है जब अमेरिकी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह के लिए नहीं आ पाए हैं।

अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप को जनवरी 2019 के गणतंत्र दिवस समारोह में शामिल होने के लिए आमंत्रित किया गया था, लेकिन वह भी इसमें शामिल नहीं हो सके थे। अब तक केवल एक बार अमेरिकी राष्ट्रपति गणतंत्र दिवस समारोह के लिए आए हैं। जनवरी 2015 में मोदी सरकार के पहले वर्ष में तत्कालीन अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा आए थे।

गणतंत्र दिवस के लिए बाइडन की अनुपलब्धता और क्वॉड शिखर सम्मेलन को स्थगित करना ऐसे समय में आया है जब अमेरिका वर्तमान में एक खालिस्तानी अलगाववादी की कथित हत्या की साजिश की जांच कर रहा है। चूंकि अमेरिका के मुताबिक साजिश की योजना बनाने में एक भारतीय अधिकारी कथित तौर पर शामिल है, इसलिए भारत सरकार अमेरिकी एजेंसियों द्वारा साझा किए गए इनपुट की भी जांच कर रही है। अमेरिकी एजेंसी ने नवंबर में एक अभियोग दायर किया था, जिसमें अमेरिका और कनाडा की दोहरी नागरिकता रखने वाले अलगाववादी के खिलाफ कथित साजिश का विवरण दिया गया था।

हालांकि भारत और अमेरिका दोनों पक्षों के अधिकारियों का कहना है कि अमेरिकी राष्ट्रपति की अनुपलब्धता को अलगाववादी के मद्देनजर संबंधों की रोशनी में नहीं देखा जाना चाहिए। अधिकारियों का कहना है कि दोनों पक्षों के गहरे हित दांव पर हैं और क्वॉड समूह निश्चित रूप से अगले साल के अंत में बैठक करेगा।

हाल ही में कैलिफोर्निया में बाइडन की चीनी राष्ट्रपति से मुलाकात के साथ अमेरिका-चीन वार्ता चल रही है। अधिकारियों का कहना है कि क्वॉड समूह के प्रति प्रतिबद्धता बनी हुई है और आगे होने वाला शिखर सम्मेलन चीन के लिए एक मजबूत संकेत होगा, जिसके हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आक्रामक व्यवहार ने चार देशों को एक साथ लाया है।

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