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राष्ट्रपति चुनाव और हिंदू धर्म पर बढ़ते हमलों के बीच दीपावली का यह त्योहार

हिंदू विरोधी नफरत अक्सर हानिकारक रूढ़ियों के रूप में सामने आती है जो हिंदुओं को चरमपंथी या आदिम के रूप में चित्रित करती हैं। उनके धार्मिक रीति-रिवाजों का मजाक उड़ाती हैं। या उनकी मान्यताओं को अपमानजनक धार्मिक शब्दों में पेश करती हैं, जैसे- 'काफिर' और 'बुतपरस्त'।

हाल के वर्षों में, संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदू विरोधी नफरत की घटनाओं में एक चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। / HinduACTion

उत्सव चक्रवर्ती : हाल के वर्षों में, संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदू विरोधी नफरत की घटनाओं में एक चिंताजनक वृद्धि देखी गई है। इसमें हिंदू मंदिरों पर हमले और 'हिंदू-पन' व्यक्त करने के आधार पर व्यक्तियों को निशाना बनाना तेजी से आम होता जा रहा है। हिंदू अमेरिकी समुदाय देश के सबसे शांतिप्रिय और कानून का पालन करने वाले अल्पसंख्यक समूहों में से एक है। यह समुदाय अब धार्मिक असहिष्णुता और हिंसा की वास्तविकता से जूझ रहा है। इससे इस परेशान करने वाले रुझान के व्यापक सामाजिक निहितार्थों के बारे में चिंताएं बढ़ रही हैं।

हिंदू विरोधी बयानबाजी: एक बढ़ता हुआ घटनाक्रम :

ऐतिहासिक रूप से, हिंदू अमेरिका में एक ऐसा अल्पसंख्यक समूह रहा है, जिन्हें अक्सर गैर-टकरावपूर्ण और समाज में अकादमिक, आर्थिक और सामाजिक योगदान पर केंद्रित माना जाता है। हालांकि, हाल के समय में ऑनलाइन गलत सूचना, भू-राजनीतिक हस्तक्षेप और मजहबी असहिष्णुता के पुनरुत्थान (कट्टरपंथी इस्लामवादियों, ईसाई कट्टरपंथियों और खालिस्तान समूहों द्वारा संचालित) ने हिंदू विरोधी भावना के अधिक स्पष्ट प्रकटीकरण को जन्म दिया है।

हिंदू विरोधी नफरत अक्सर हानिकारक रूढ़ियों के रूप में सामने आती है जो हिंदुओं को चरमपंथी या आदिम के रूप में चित्रित करती हैं। उनके धार्मिक रीति-रिवाजों का मजाक उड़ाती हैं। या उनकी मान्यताओं को अपमानजनक धार्मिक शब्दों में पेश करती हैं, जैसे- 'काफिर' या 'मूर्तिपूजक' और 'बुतपरस्त'।

यह बढ़ती असहिष्णुता उषा चिलुकुरी वांस (रिपब्लिकन उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार जे.डी. वांस की पत्नी) को उनके हिंदू धर्म के लिए लगातार किए जा रहे अपमान में स्पष्ट है। यह विवेक रामास्वामी को बदनाम करने के साथ कमला हैरिस की दिवंगत मां को अपमानित करने तक भी फैल गया है। हर कोई सिर्फ अपने हिंदू धर्म से जुड़ाव के कारण निशाना बनाया गया है, चाहे उनका राजनीतिक जुड़ाव अलग हो।

बढ़ती हिंदू विरोधी नफरत की वजहें :

संयुक्त राज्य अमेरिका में हिंदू विरोधी नफरत बढ़ने के कई कारण हैं। एक मुख्य कारण हिंदू अमेरिकियों में बढ़ती सभ्यतागत जागरूकता है, जो अपनी भूमिका को एक वैश्विक परिवार के हिस्से के रूप में पहचानते हैं। जिन्हें अपनी हालिया औपनिवेशिक विरासत से परे बहुत कुछ देना और करना है। अतीत में, सिर्फ वे हिंदू जो औपचारिक रूप से यहूदी-ईसाई धर्मों में परिवर्तित हो गए थे, उन्हें उच्च सार्वजनिक पद के लिए योग्य उम्मीदवार माना जाता था। गवर्नर बॉबी जिंदल और कांग्रेसी अमी बेरा ने चुनाव लड़ते समय अपनी हिंदू विरासत को कम आंकने या त्यागने के लिए बहुत प्रयास किए।

हालांकि, पिछले पंद्रह वर्षों में इसमें काफी बदलाव आया है। तुलसी गाबार्ड कांग्रेस में चुनी गई पहली हिंदू महिलाओं में से एक थीं। उन्होंने दूसरों के लिए दरवाजे खोले। नीरज अंतनी, पद्मा कुप्पा, राजा कृष्णमूर्ति, रो खन्ना, श्री थनेदार और विवेक रामास्वामी जैसे नेता तब से आगे आए हैं। ये अपनी हिंदू पहचान पर गर्व करते हैं। यहां तक कि कांग्रेस के प्राथमिक प्रतिस्पर्धी जैसे प्रेस्टन कुलकर्णी, सुहास सुब्रमण्यन, क्रिस्टल काउल और विभिन्न राज्य स्तरीय उम्मीदवार प्रमुख हस्तियों के रूप में उभरे हैं।

अमेरिकी हिंदू प्रतिनिधित्व में यह बढ़ोतरी कुछ समूहों में चिंता पैदा कर रही है। कट्टरपंथी इस्लामवादी, ईसाई कट्टरपंथी, वामपंथी चरमपंथी और खालिस्तानी समूह इस बढ़ते प्रभाव को सार्वजनिक चर्चा में अपने प्रभुत्व के लिए खतरा मानते हैं। इन समूहों ने गलत सूचना और नफरत भरे भाषण फैलाने के लिए संगठित सोशल मीडिया अभियान चलाए हैं। हिंदुओं और हिंदू धर्म को गलत रूप से पेश किया है। वे हिंदुत्व (हिंदू-पन) को एक चरमपंथी आंदोलन के रूप में चित्रित करके हानिकारक रूढ़ियों को मजबूत करते हैं, जो द्वेष और कट्टरता को बढ़ावा देता है।

हिंदू अमेरिकी समुदाय पर प्रभाव :

हिंदू अमेरिकी समुदाय, इस हिंदू विरोधी कट्टरता में वृद्धि से बुरी तरह से प्रभावित है। कई हिंदू अमेरिकियों ने अपने धर्म को खुले में अभ्यास करते समय असुरक्षा की बढ़ती भावना महसूस की है। परिवार धार्मिक प्रतीकों को दिखाने के बारे में ज्यादा सावधान हो रहे हैं, जैसे बिंदी पहनना, स्वास्तिक दिखाना या सार्वजनिक रस्मों का इजहार करना। कहीं वे 'जातिवादी' होने का झूठा आरोप न लगा दें। 'जातिवादी' शब्द जो अब हिंदू विरोधी समूहों द्वारा पूरी तरह से हथियारबंद किया गया है। अमेरिका में बड़े हो रहे कई युवा हिंदुओं के लिए यह बढ़ता भेदभाव पहचान के साथ एक जटिल संघर्ष पैदा करता है, क्योंकि वे सामाजिक पूर्वाग्रहों का सामना करते हुए अपनी सांस्कृतिक विरासत को नेविगेट करने की कोशिश करते हैं।

इस संकट का जवाब :

हिंदू विरोधी नफरत में हो रही बढ़ोतरी के जवाब में अमेरिका में कई हिंदू संगठनों ने इन मुद्दों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और समुदाय के लिए मजबूत कानूनी और सामाजिक सुरक्षा के लिए दबाव बनाने के लिए काम करना शुरू कर दिए हैं। HinduACTion जैसे संगठन धार्मिक सहिष्णुता और हिंदू धर्म के बारे में शिक्षा के लिए प्रचार करने में अग्रणी भूमिका निभा रहे हैं। हमारा लक्ष्य हिंदुओं और व्यापक अमेरिकी जनता के बीच समझ का अंतर पाटना है। मिथकों को दूर करना और अंतरधार्मिक संवाद को बढ़ावा देना है।

हिंदू विरोधी कट्टरता का मुकाबला करने के लिए प्रयासों को अन्य अल्पसंख्यक समूहों के साथ गठबंधन द्वारा भी मजबूत किया गया है जो इसी तरह की चुनौतियों का सामना करते हैं। यहूदी, कैथोलिक, प्रोटेस्टेंट और ऑर्थोडॉक्स धर्म समूहों, शिया और सुन्नी समूहों और सिख समुदायों के साथ गठबंधन बनाकर, हिंदू अमेरिकी नफरती समूह के खिलाफ एक एकीकृत मोर्चा बनाने का काम कर रहे हैं। जैसा कि H. Res. 1131 के लिए द्विदलीय समर्थन द्वारा दिखाया गया था। H. Res. 1131 एक प्रस्ताव है जो हिंदू पूजा स्थलों, हिंदूफोबिया और हिंदू विरोधी कट्टरता पर हमलों की निंदा करता है।

आगे का रास्ता :

जबकि अमेरिका में हिंदू उम्मीदवारों के खिलाफ हिंदू विरोधी कट्टरता और मंदिरों पर हमले बढ़ रहे हैं, उम्मीद है कि निरंतर प्रचार, शिक्षा और कानूनी कार्रवाई के जरिए इस परेशान करने वाले रुझान को उलट दिया जा सकता है। धार्मिक सहिष्णुता अमेरिकी लोकतंत्र के मूल सिद्धांतों में से एक रही है, और यह जरूरी है कि यह सिद्धांत सभी समुदायों के लिए बरकरार रहे।

दीपावली एक त्योहार है जो सिर्फ खुशी और प्रकाश का प्रतीक नहीं है। यह बुराई पर अच्छाई की जीत का भी प्रतीक है। इस दीपावली पर हम न सिर्फ उत्सव का जश्न मनाएं, बल्कि इसके गहरे संदेश को भी गले लगाएं। यह है एकता, हिम्मत और अच्छाई की स्थायी शक्ति का संदेश।

अमेरिकी हिंदू समुदाय के लिए यह मौका हमें एक बड़ा, अधिक समावेशी सर्कल बनाने की याद दिलाता है, जो हिंदू विरोधी कट्टरपंथियों द्वारा खींची गई विभाजनकारी रेखाओं और हमारे समुदायों में दरारें बढ़ाने के उद्देश्य से किए गए विभाजनकारी और नफरत भरे बयानबाजी को पार कर जाता है। इस दीपावली पर हम यह प्रतिबिंबित करें कि रोशनी कैसे अंधेरे को दूर कर सकती है और प्यार, समझ और जागरूकता कैसे नफरत पर विजय प्राप्त कर सकते हैं।

(लेखक उत्सव चक्रवर्ती HinduACTion के कार्यकारी निदेशक हैं )

उत्सव चक्रवर्ती HinduACTion के कार्यकारी निदेशक हैं। /

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