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ट्रम्प का काश पटेल पर भरोसा, FBI डायरेक्टर के लिए बेहतरीन विकल्प बताया, आलोचकों पर बरसे

ट्रम्प ने कहा, 'काश पटेल वही करेंगे जो उन्हें सही लगेगा।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर उन्हें लगता है कि कोई बेईमान या भ्रष्ट राजनेता है, तो मुझे लगता है कि उनका फर्ज बनता है कि वो जांच करें। लेकिन मैं उन्हें निर्देश नहीं दूंगा।'

अमेरिका के नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और काश पटेल। / Reuters/File Photo

नवंबर के चुनाव जीतने के बाद नव निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने अपने पहले नेटवर्क इंटरव्यू में उन्होंने काश पटेल में FBI डायरेक्टर बनने की पूरी क्षमता देखी और उन पर भरोसा जताया। इसके साथ ही उन्होंने राजनीति से प्रेरित जांच की उम्मीदों को कम करते हुए उनकी निष्पक्षता पर जोर दिया।

NBC के 'मीट द प्रेस' प्रोग्राम में क्रिस्टन वेलकर से बात करते हुए ट्रम्प ने इस बात को खारिज कर दिया कि पटेल को उनके 'डीप स्टेट' लिस्ट के लोगों की जांच करने का काम सौंपा जाएगा। ये 'डीप स्टेट' का जिक्र पटेल की किताब में भी है। इसमें राष्ट्रपति बाइडेन, हिलेरी क्लिंटन और ट्रम्प प्रशासन के पूर्व अधिकारी बिल बार और क्रिस्टोफर रे जैसे नाम शामिल हैं।

ट्रम्प ने कहा, ' काश पटेल वही करेंगे जो उन्हें सही लगेगा।' उन्होंने आगे कहा, 'अगर उन्हें लगता है कि कोई बेईमान या भ्रष्ट राजनेता है, तो मुझे लगता है कि उनका फर्ज बनता है कि वो जांच करे। लेकिन मैं उन्हें निर्देश नहीं दूंगा।'

इंटरव्यू के दौरान ट्रम्प ने उन लोगों पर भी जमकर हमला बोला, जिन पर उन्होंने अपनी जांच में ज्यादा हस्तक्षेप करने का आरोप लगाया था। उन्होंने स्पेशल काउंसल जैक स्मिथ को 'बहुत भ्रष्ट' बताया और 6 जनवरी के कैपिटल हमले की जांच करने वाली हाउस कमिटी के सदस्यों को 'राजनीतिक गुंडे' और 'ढोंगी' कहा। 

ट्रम्प ने कहा, 'जो उन्होंने किया, उनके कामों के लिए सच कहूं तो उन्हें जेल की सजा मिलनी चाहिए।' लेकिन जब उनसे पूछा गया कि क्या वो न्याय विभाग या FBI को अपने आलोचकों को निशाना बनाने का निर्देश देंगे, तो ट्रम्प ने ऐसा करने से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा, 'नहीं, बिलकुल नहीं। मुझे लगता है कि उन्हें इस पर गौर करना होगा, लेकिन मैं 'ड्रिल, बेबी, ड्रिल' पर ध्यान दूंगा।' ये उनकी अमेरिका में तेल उत्पादन बढ़ाने की योजना का इशारा था।

ट्रम्प ने अपने चुनावी वादों को भी दोहराया, जिसमें अवैध प्रवासियों को बड़े पैमाने पर देश से बाहर निकालना, 6 जनवरी के आरोपियों को माफी देना और बड़े पैमाने पर टैक्स में कटौती शामिल हैं।

 

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