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'प्रवासियों को डिपोर्ट करने की ट्रम्प की योजना अर्थव्यवस्था बर्बाद कर देगी', सीनेट में हुई सुनवाई

ट्रम्प ने कसम खाई है कि जनवरी में पद संभालने के बाद वह इमिग्रेशन आपातकाल घोषित करेंगे और लगभग 13 मिलियन गैर दस्तावेजी प्रवासियों को बाहर निकालेंगे।

प्रवासियों के निर्वासन की ट्रम्प की प्रस्तावित योजना पर सीनेट में विशेष सुनवाई हुई। / File photo. / Reuters

अमेरिका के निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की प्रवासियों के सबसे बड़े निर्वासन की योजनाएं अर्थव्यवस्था को तबाह कर देंगी जिससे महंगाई और बेरोजगारी काफी बढ़ जाएगी, साथ ही सेना में जनता का भरोसा कम हो जाएगा। ये बात सीनेट की विशेष सुनवाई के दौरान विभिन्न गवाहों ने कही।

रिपब्लिकन नेता ट्रम्प ने कसम खाई है कि जनवरी में पदभार संभालने के बाद वह राष्ट्रीय इमिग्रेशन आपातकाल घोषित करेंगे और देश में रह रहे लगभग 13 मिलियन गैर दस्तावेजी प्रवासियों को बाहर निकालेंगे। इसके लिए जरूरत पड़ी तो सेना का उपयोग करेंगे। ट्रम्प की योजना को लेकर प्रवासियों में काफी चिंता है।

डेमोक्रेटिक नेतृत्व वाले सीनेट में न्यायिक समिति के सामने पूर्व सेना प्रमुख और इमिग्रेशन एक्सपर्ट समेत कई लोगों ने गवाही दी। उन्होंने कहा कि ट्रम्प ने अपनी इस योजना को अंजाम दिया तो अमेरिकियों को बहुत नुकसान हो सकता है। ये सभी अमेरिकी नागरिकों के लिए खतरा बन सकता है। 

गैर दलीय अमेरिकन इमिग्रेशन काउंसिल के सीनियर फेलो हारून रीचलिन मेलनिक ने कहा कि नवनिर्वाचित राष्ट्रपति की सामूहिक निर्वासन योजना अमेरिकी अर्थव्यवस्था को ध्वस्त कर देगी, परिवारों को तोड़ देगी। अमेरिकी आबादी के लगभग चार प्रतिशत हिस्से को निर्वासित किया गया तो हमारे समाज की नींव हिल जाएगी। 

उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर इस निर्वासन पर लगभग एक ट्रिलियन डॉलर से अधिक खर्च हो सकते हैं। इससे अर्थव्यवस्था में 4.2 प्रतिशत से लेकर 6.8 प्रतिशत तक की कमी आ सकता है। ये 2008 की वैश्विक मंदी के दौरान हुआ तबाही की तरह होगी। 

ट्रम्प द्वारा प्रवासियों पर हत्या और बलात्कार जैसे गंभीर अपराधों को अंजाम देने का आरोप लगाए जाने का जिक्र करते हुए रीचलिन मेलनिक ने कहा कि 90 प्रतिशत से अधिक अनिर्दिष्ट प्रवासियों का कोई आपराधिक रिकॉर्ड नहीं है। इनमें से अधिकांश शिक्षा, निर्माण, रेस्तरां और चाइल्डकेयर जैसे सेक्टरों में काम करते हैं, जो बुरी तरह प्रभावित होंगे। 

अमेरिकी सेना के रिटायर्ड मेजर जनरल रैंडी मैनर ने कहा कि बड़े पैमाने पर निर्वासन के लिए सेना को लगाना विभाजनकारी कदम साबित होगा। इससे सेना की तैयारियों और मनोबल को झटका लगेगा। सैनिकों को इमिग्रेशन जैसे कार्यों के लिए प्रशिक्षित नहीं किया गया है। 

सीनेटरों ने फिलाडेल्फिया के एक विवाहित पिता और एक सहायक जिला अटॉर्नी फोडे ट्यूरे की बात भी सुनी जिन्होंने गवाही दी कि उनका जन्म सिएरा लियोन में हुआ, लेकिन जब उन्होंने ड्राइविंग लाइसेंस के लिए आवेदन किया, तब उन्हें पता चला कि वे तो गैरदस्तावेजी आप्रवासी हैं। उन्होंने कहा कि एक अभियोजक के रूप में मैं समझता हूं कि इस कदम के कितने घातक परिणाम होंगे। 

हालांकि सुनवाई के दौरान कुछ लोग ऐसे भी थे, जिन्होंने निर्वासन का समर्थन किया। मैरीलैंड के पैटी मोरिन ने कहा कि मेरी बेटी राहेल को 2023 में पीटा गया, बलात्कार किया गया और गला घोंट कर मार दिया गया था। इस मामले में कथित हत्यारे को तीन बार निर्वासित किया गया था। इसलिए मेरा मानना है कि निर्वासन जरूरी है।  

सेंटर फॉर इमिग्रेशन स्टडीज के आर्ट आर्थर ने आगाह किया कि ट्रम्प को ये योजना कानून के अनुरूप ही बनानी चाहिए। समिति के रिपब्लिकन नेता लिंडसे ग्राहम ने कहा कि जो लोग यहां अवैध रूप से रह रहे हैं, वो देश से बाहर जाने के लिए तैयार हो जाएं। 

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