अमेरिका में राष्ट्रपति पद के रिपब्लिकन उम्मीदवार डोनाल्ड ट्रम्प ने कहा है कि अगर वह 5 नवंबर के चुनाव में डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस से हार जाते हैं तो इसके लिए यहूदी-अमेरिकी मतदाता भी जिम्मेदार होंगे।
वाशिंगटन में इजरायल-अमेरिकी काउंसिल के नेशनल समिट में पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प ने अफसोस के साथ कहा कि अमेरिकी यहूदियों के समर्थन के मामले में वह हैरिस से पीछे हैं। ट्रम्प ने दावा किया कि अगर हैरिस चुनाव जीत जाती हैं तो दो साल के भीतर इजरायल का अस्तित्व खत्म हो जाएगा और इसके लिए यहूदी आंशिक रूप से दोषी होंगे क्योंकि उनका वोट डेमोक्रेट्स के लिए गया होगा।
ट्रम्प ने भीड़ के सामने कहा कि अगर मैं यह चुनाव नहीं जीत पाता हूं तो यहूदियों को काफी कुछ सहन करना पड़ सकता है। ऐसा तभी होगा जब 40 फीसदी, 60 फीसदी लोग इजरायल के दुश्मन को वोट देंगे। मेरे ख्याल से उसके बाद दो साल के भीतर इजरायल खत्म हो जाएगा।
ट्रम्प ने एक सर्वे का हवाला देते हुए यह बात कही, जिसमें हैरिस को 60 फीसदी अमेरिकी यहूदियों का समर्थन दिखाया गया है। ट्रम्प ने 2016 के चुनाव में 30 फीसदी से भी कम अमेरिकी यहूदियों के वोट मिलने पर अफसोस जताया। हालांकि 2016 का चुनाव ट्रम्प जीत गए थे, 2020 में वह डेमोक्रेटिक राष्ट्रपति जो बाइडेन से हार गए।
यह साफ नहीं है कि पूर्व राष्ट्रपति ट्रम्प किस सर्वे का हवाला दे रहे थे, लेकिन हाल ही में प्यू रिसर्च के एक सर्वे में दावा किया गया है कि अमेरिकी यहूदी वोटरों में से 65% हैरिस को सपोर्ट करते हैं जबकि 34% ट्रम्प के समर्थक हैं। ट्रम्प की टीम महत्वपूर्ण राज्यों में यहूदी वोटरों का समर्थन हासिल करने के लिए पुरजोर प्रयास कर रही है।
फेडरल चुनावों में अमेरिकी यहूदी वोटरों का दशकों से डेमोक्रेट की तरफ झुकाव देखा गया है। कई राज्यों में यहूदी वोट भारी संख्या में हैं। यहूदी वोटों में छोटा सा बदलाव भी नवंबर में विजेता में उलटफेर कर सकता है। उदाहरण के लिए पेंसिल्वेनिया में चार लाख से अधिक यहूदी हैं। 2020 में इस राज्य में बाइडेन को 81,000 वोटों से जीत मिली थी।
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