अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के खास माने जाने वाले 44 साल के काश पटेल FBI के मुखिया बनने की रेस में हैं। 30 जनवरी को सीनेट में उनकी सुनवाई होनी है। डेमोक्रेट्स उनका खूब विरोध कर रहे हैं। पटेल पर साजिशों के सिद्धांत फैलाने, 6 जनवरी 2021 को कैपिटल पर हमला करने वाले ट्रम्प समर्थकों का बचाव करने। इसके अलावा 'डीप स्टेट' को खत्म करने की धमकी देने के आरोप हैं।
सीनेट की ज्यूडिशियरी कमेटी में रिपब्लिकन का 12-10 का बहुमत है। तो कमेटी में पटेल के नाम को मंजूरी मिलने की उम्मीद है। फिर मामला पूरे सीनेट में जाएगा, जहां उनकी जीत पक्की नहीं मानी जा रही है। सीनेट में रिपब्लिकन का 53-47 का बहुमत है, लेकिन डिफेंस सेक्रेटरी के लिए ट्रम्प के उम्मीदवार पीट हेगसेथ के खिलाफ तीन रिपब्लिकन सीनेटरों ने वोट किया था। इसलिए वाइस प्रेसिडेंट जेडी वैंस को टाई-ब्रेकिंग वोट डालना पड़ा था। मतलब, पटेल के लिए भी मुश्किलें कम नहीं हैं।
अगर पटेल को मंजूरी मिल गई, तो वो 38,000 कर्मचारियों वाले FBI के डायरेक्टर बन जाएंगे। वो क्रिस्टोफर रे की जगह लेंगे। पटेल ने पेस यूनिवर्सिटी से लॉ की डिग्री की है और फेडरल प्रॉसिक्यूटर भी रह चुके हैं। ट्रम्प ने ही रे को FBI का प्रमुख बनाया था, लेकिन बाद में दोनों के रिश्ते बिगड़ गए थे। रे के 10 साल के कार्यकाल में अभी तीन साल बाकी थे, लेकिन ट्रम्प के नवंबर में चुनाव जीतने के बाद उन्होंने इस्तीफा दे दिया।
न्यू यॉर्क में पैदा हुए पटेल भारतीय मूल के हैं। ट्रम्प के पहले कार्यकाल में उन्होंने कई अहम पदों पर काम किया, जिसमें नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल में काउंटर-टेररिज्म के सीनियर डायरेक्टर और एक्टिंग डिफेंस सेक्रेटरी के चीफ ऑफ स्टाफ शामिल हैं। पटेल राष्ट्रपति ट्रम्प के कट्टर समर्थक के तौर पर जाने जाते हैं। वो रिपब्लिकन पार्टी के उस विचार को भी मानते हैं जिसमें 'डीप स्टेट' की बात की जाती है। इनके मुताबिक, सरकार में कुछ ऐसे तत्व हैं जो ट्रम्प के काम में बाधा डालते हैं। इस विषय पर उन्होंने एक किताब भी लिखी है।
डेमोक्रेट्स ने पटेल के नाम पर ऐतराज जताया है। कुछ रिपब्लिकन नेताओं ने भी उनका विरोध किया है। खबरों के मुताबिक, 20 से ज्यादा रिपब्लिकन पूर्व पुलिस अधिकारियों ने रिपब्लिकन सीनेटरों को एक खत लिखकर पटेल की नियुक्ति का विरोध किया है। द हिल अखबार के पास उस खत की कॉपी है। खत में कहा गया है कि पटेल के पास 'FBI के प्रमुख बनने का अनुभव और स्वभाव' नहीं है। और वो 'बदला लेने के इरादे' से काम करते हैं।
सीनेट की ज्यूडिशियरी कमेटी में प्रमुख डेमोक्रेट सीनेटर डिक डर्बिन ने पटेल के साथ हाल ही में हुई मुलाकात के बाद कहा कि उन्हें 'पटेल के FBI डायरेक्टर बनने को लेकर गंभीर चिंताएं हैं।' डर्बिन ने कहा, 'वो एक कट्टर राजनीतिक वफादार हैं, जो बार-बार झूठे षड्यंत्र के सिद्धांत फैलाते रहे हैं। उन लोगों से बदला लेने की धमकी देते हैं जिन्होंने उन्हें निजी या राजनीतिक तौर पर नुकसान पहुंचाया है। उन्होंने तो 60 लोगों की 'दुश्मनों की सूची' तक छाप दी है, जिन्हें वे 'सरकारी गैंगस्टर' कहते हैं।'
वहीं, ट्रम्प का कहना है कि 'पटेल FBI के इतिहास में सबसे योग्य उम्मीदवार हैं और वो यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध हैं कि हमारे देश में कानून, व्यवस्था और न्याय फिर से और जल्द ही वापस आ जाए।' ट्रम्प की अटॉर्नी जनरल की पसंद पाम बॉन्डी ने भी पटेल का समर्थन किया है। उन्होंने अपनी सीनेट सुनवाई में कहा कि 'काश इस समय इस काम के लिए सही व्यक्ति हैं। पटेल मेरे और न्याय विभाग के अधीन होंगे और मैं सुनिश्चित करूंगी कि सभी कानूनों का पालन किया जाए और वे भी करेंगे।'
अमेरिकी मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, ट्रम्प अपने पहले कार्यकाल के आखिरी महीनों में पटेल को CIA या FBI का डिप्टी डायरेक्टर बनाना चाहते थे, लेकिन CIA की तत्कालीन निदेशक जीना हैस्पेल और तत्कालीन अटॉर्नी जनरल बिल बैर के विरोध में इस्तीफा देने की धमकी देने के बाद उन्होंने यह योजना छोड़ दी।
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