भारत में कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के मामले में देशभर में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं। अमेरिकन एसोसिएशन ऑफ फिजिशियंस ऑफ इंडिया ओरिजिन (AAPI) के अध्यक्ष डॉ. सतीश कथुला ने बलात्कार और हत्या पर अपनी गहरी चिंता और दुख व्यक्त किया है। डॉ. सतीश ने कहा कि यह उसके लिए एक सुरक्षित स्थान होना चाहिए था।
पिछले हफ्ते शुक्रवार को रेजिडेंट डॉक्टर का शव कोलकाता शहर के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल के एक सेमिनार हॉल में में मिला था। उसके शरीर पर कई चोटों और यौन उत्पीड़न के निशान थे। इसके खिलाफ कोलकाता सहित पूरे देश में प्रदर्शन हो रहे हैं। यह ज्यादातर अस्पतालों में मेडिकल छात्रों और डॉक्टरों द्वारा किए जा रहे हैं। डॉ. कथुला ने पिछले महीने ही एएपीआई के अध्यक्ष के रूप में पदभार ग्रहण किया है। मंगलवार, 13 अगस्त को ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (BBC) द्वारा लिए गए साक्षात्कार में उन्होंने अपनी पीड़ा का इजहार किया।
उन्होंने कहा, 'मेरी संवेदना पीड़िता के परिवार के साथ है। यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि ऐसा हुआ।' अमेरिका के डेटन, ओहियो स्थित एक ऑन्कोलॉजिस्ट डॉ. कथुला लगभग एक चौथाई शताब्दी से मरीजों की सेवा कर रहे हैं। भारत की वर्तमान स्थिति का जिक्र करते हुए कहा, 'भारत में महिला डॉक्टर अपनी नौकरी की प्रकृति के कारण मरीजों, परिवारों और जनता से शारीरिक हिंसा और उत्पीड़न के खतरे में हैं। उन्हें रात में भी काम करना पड़ता है और अस्पताल पर्याप्त सुरक्षा उपाय प्रदान नहीं कर रहे हैं, जो उनकी जिंदगी को जोखिम में डालता है।'
डॉ. कथुला ने कहा, 'यह एक नई घटना नहीं है। हालांकि, हाल के वर्षों में इनमें उल्लेखनीय वृद्धि हुई है। अब मीडिया कवरेज अधिक है, तो ऐसी घटनाएं अधिक सामने आ रही हैं।' डॉ. कथुला ने कहा, 'ऐसी घटनाओं के होने के कई कारण हैं। चिकित्सा परिणामों, देरी से सेवाओं या कथित लापरवाही से असंतोष के कारण हो सकती हैं। कई कारक ऐसी घटनाओं में वृद्धि में योगदान कर सकते हैं। उनमें बढ़ी हुई रोगी अपेक्षाएं, बढ़ती लागत और बढ़ते निराशा के साथ खराब स्वास्थ्य बुनियादी ढांचा, रोगियों, उनके परिवारों और यहां तक कि कर्मचारियों के बीच शामिल हो सकते हैं। यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण बात है जो भारत में महिला डॉक्टरों के मानसिक स्वास्थ्य के साथ-साथ पेशेवर कल्याण को भी प्रभावित कर सकती है।'
उन्होंने कहा कि लोगों को इस बात पर ध्यान देने की आवश्यकता है कि ये सभी स्वास्थ्य सेवा पेशेवर हैं, जो मरीजों और उनके जीवन को बचाने के लिए अपनी जान जोखिम में डाल रहे हैं। डॉ. कथुला ने आग्रह किया कि 'अस्पतालों को मजबूत सुरक्षा उपाय लागू करने और निगरानी कैमरों और सुरक्षा कर्मियों को बढ़ाने और संवेदनशील क्षेत्रों तक पहुंच को नियंत्रित करने की आवश्यकता है। हिंसक घटनाओं को संभालने के लिए स्पष्ट प्रोटोकॉल बनाना और यह सुनिश्चित करना कि सभी कर्मचारियों को ऐसी स्थितियों को मैनेज करने के लिए प्रशिक्षित किया जाए। उन्हें इन प्रकार की स्थितियों को अधिक प्रभावी ढंग से संभालने के लिए संघर्ष समाधान और संचार कौशल में डॉक्टरों और अस्पताल के कर्मचारियों को प्रशिक्षण प्रदान करना चाहिए। साथ ही, स्वास्थ्य सेवा पेशेवरों के साथ सम्मानजनक बातचीत को बढ़ाने के लिए लोगों को जागरूकता और शिक्षा प्रदान की जानी चाहिए।'
डॉ. कथुला ने कहा, 'मारी गईं डॉक्टर के परिवार और दोस्तों के दर्द और पीड़ा को पहचानते हुए एएपीआई भारत में संघीय, राज्य और स्थानीय सरकारों से इस त्रासदी के लिए जिम्मेदार लोगों की जांच करने और उन्हें न्याय दिलाने का आग्रह कर रहा है। हम चाहते हैं कि सरकार देश भर में चिकित्सकों के खिलाफ इस तरह के व्यवहार को रोकने के लिए हर संभव प्रयास करे, जो हिंसा, उत्पीड़न के शिकार हैं।'
एएपीआई के अध्यक्ष ने प्रस्तावित किया, 'सरकार की ओर से कड़े कानून बनाने की तत्काल आवश्यकता है। उन्हें लागू करने और ऐसे हिंसक काम और अपराध करने वाले लोगों को दंडित करने की आवश्यकता है। और यह सरकार के दृष्टिकोण से बहुत, बहुत महत्वपूर्ण है।' डॉ. सतीश कथुला ने कहा, 'हम महान मिशन को जारी रखेंगे और एएपीआई को और ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए अपने प्रयासों को मजबूत करेंगे।'
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login