न्यूयॉर्क से दो भारतीय-अमेरिकी व्यक्तियों को वीजा धोखाधड़ी से संबंधित आरोपों में गिरफ्तार किया गया है। न्याय विभाग ने पिछले सप्ताह बताया कि रामभाई पटेल (36) और बलविंदर सिंह (39) ने वीजा धोखाधड़ी करने के लिए डकैतियों की साजिश रची। उन पर वीजा धोखाधड़ी की साजिश रचने का एक-एक मामला दर्ज किया गया।
पटेल को 13 दिसंबर को सिएटल में गिरफ्तार किया गया था जबकि सिंह को क्वींस, न्यूयॉर्क से पकड़ा गया। न्याय विभाग ने बताया कि डकैतियां अमेरिका में कम से कम आठ सुविधा/शराब की दुकानों और फास्ट फूड रेस्तरां में हुईं। इनमें मैसाचुसेट्स में कम से कम चार दुकानें शामिल थीं।
अप्रवासी कर्मचारियों ने कथित तौर पर इस काम के लिए दो लोगों को काम पर रखा था ताकि अप्रवासी कह सकें कि वे अपराधों का शिकार हुए थे। इससे संयुक्त राज्य अमेरिका में रहने के लिए यू गैर-आव्रजन स्थिति के लिए उनके आवेदनों को मजबूती देने में मदद मिलती।
अमेरिकी नागरिकता और आव्रजन सेवा वेबसाइट के अनुसार यू गैर-आप्रवासी स्थिति (यू वीजा) कुछ अपराध पीड़ितों के लिए अलग रखी गई स्थिति है। यह उन अपराध पीड़ितों के लिए है जिन्होंने मानसिक या शारीरिक शोषण सहा है और आपराधिक गतिविधि की जांच या अभियोजन में कानून प्रवर्तन या सरकारी अधिकारियों के लिए सहायक हैं
न्याय विभाग ने बताया कि कथित मंचित डकैतियों के दौरान 'डकैत' दुकान से नकदी लेने और भागने से पहले स्टोर के क्लर्कों और/या मालिकों को बंदूक से धमकाता था। यह सारा वाकया स्टोर के सर्विलांस वीडियो में रिकॉर्ड हो जाता था। क्लर्क और/या मालिक 'अपराध' की रिपोर्ट करने के लिए पुलिस को बुलाने से पहले 'डकैत' के भाग जाने तक पांच-सात मिनट ठहर जाते थे।
'पीड़ितों' पर आरोप है कि हरेक ने इस साजिश में शामिल होने के लिए पटेल को पैसा दिया था। बदले में पटेल ने कथित तौर पर डकैती के लिए स्टोर मालिकों को उनके स्टोर के उपयोग के लिए भुगतान किया। वीजा धोखाधड़ी की साजिश रचने के आरोप में पांच साल तक की जेल, तीन साल की निगरानी में रिहाई और 250,000 डॉलर के जुर्माने का प्रावधान है।
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