ADVERTISEMENTs

चुनाव नतीजों से भारत की इकोनमी को लेकर फैला डर, शेयर बाजार में हाहाकार

चुनाव नतीजों में जैसे-जैसे मोदी सरकार की सीटों का आंकड़ा सिमटता रहा, शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी गोते लगाते रहे। शेयर बाजार ने चार साल में सबसे बड़ा गोता लगाया। इसकी वजह से निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए।

भारतीय शेयर बाजार में चार साल में सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गई। / साभार सोशल मीडिया

भारत के लोकसभा चुनावों में सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी के कमजोर प्रदर्शन की खबर ने शेयर बाजार में हाहाकार मचा दिया। बीएसई सेंसेक्स एक समय 
6200 पॉइंट्स तक गिर गया था, जो बाद में सेंसेक्स थोड़ा संभलकर 4389 अंक नीचे (72,079 पर) बंद हुआ। इसी तरह निफ्टी50 में भी जोरदार गिरावट दर्ज की गई। इस गिरावट से निवेशकों के 30 लाख करोड़ रुपये स्वाहा हो गए। 

दो दिन पहले चुनावों के एग्जिट पोल्स में नरेंद्र मोदी सरकार की सत्ता में दमदार वापसी की खबरों पर शेयर बाजार में जोरदार उछाल दर्ज की गई थी। सेंसेक्स 2000 अंकों तक उछल गया था। निफ्टी में भी चार साल की सबसे बड़ी उछाल देखी गई थी। बीएसई में निवेशकों केंको 12.48 लाख करोड़ रुपये का फायदा हुआ था। लेकिन शेयर बाजार में ये तेजी मंगलवार को चुनाव के नतीजे आने के साथ ही अमंगल में बदल गई। 

जैसे-जैसे मोदी सरकार की सीटों का आंकड़ा सिमटता रहा, शेयर बाजार में सेंसेक्स और निफ्टी गोते लगाते रहे। शेयर बाजार चार साल में सबसे बड़ी गिरावट का गवाह बना। बीएसई का सेंसेक्स सुबह 1700 अंक नीचे खुला था। दोपहर 12.30 बजे सेंसेक्स 6094 अंक गिरते हुए 70,234 के स्तर पर आ गया था। वहीं निफ्टी भी 1947 अंकों की भारी गिरावट के साथ 21,281 पर पहुंच गया था। 

बाद में सेंसेक्स थोड़ा संभलकर 72,079.05 पर बंद हुआ, जो  एक दिन पहले से 4,389.73 अंक यानी 5.74 फीसदी नीचे है। वहीं निफ्टी50 भी 1379 अंक यानी 5.93 फीसदी की गिरावट के साथ 21,884 पर बंद हुआ। पर्सेंटेज के हिसाब से देखें तो पिछले चार साल में ये निफ्टी में सबसे बड़ी गिरावट है। इससे पहले कोरोना के दौर में 2020 में मार्केट इतना गिरा था। इस गिरावट से बीएसई का मार्केट कैपिटल 396 लाख करोड़ रह गया। निवेशकों को करीब 30 लाख करोड़ृ रुपये का भारी भरकम नुकसान हुआ। 

केंद्र में मोदी सरकार की कमजोर स्थिति को लेकर बाजार में अनिश्चितता के दौर है। जानकारों का कहना है कि अपने दम पर बीजेपी को पूर्ण बहुमत न मिलने से उसे सहयोगी दलों पर निर्भर रहना पड़ेगा। ऐसे में वह ज्यादा कठोर फैसले लेने से हिचक सकती है। 

हालांकि चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बीजेपी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए भारत को दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने का संकल्प दोहराया है। उन्होंने कहा है कि अगले पांच साल भारत के लिए बेहद महत्वपूर्ण रहने वाले हैं। इस दौरान हमें भारत को तीसरी सबसे बड़ी इकोनमी बनाना है। पीएम मोदी के इस बयान से शेयर बाजार में कुछ जान वापस आती है या नहीं, ये देखने की बात होगी। 


 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related