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अरकंसास यूनिवर्सिटी ने भारतीय-अमेरिकी इंजीनियरिंग प्रोफेसर को ASME फेलो नामित किया

यह सम्मान ऐसे सदस्यों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने इंजीनियरिंग में असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं।

प्रोफेसर पन्नीर सेल्वम 2005 से एएसएमई के सदस्य हैं। / Image - University of Arkansas

अरकंसास यूनिवर्सिटी में सिविल इंजीनियरिंग विभाग में भारतीय-अमेरिकी प्रोफेसर पन्नीर सेल्वम को अमेरिकन सोसाइटी ऑफ मैकेनिकल इंजीनियर्स (एएसएमई) का फेलो नामित किया गया है।

यह सम्मान ऐसे सदस्यों को प्रदान किया जाता है जिन्होंने इंजीनियरिंग में असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं। एएसएमई सदस्यों में से कुछ को ही यह प्रतिष्ठित सम्मान मिलता है।

2005 से एएसएमई के सदस्य सेल्वम को स्ट्रक्चरल मैकेनिक्स, फ्लूइड डायनामिक्स और कम्प्यूटेशनल मॉडलिंग में विशेषज्ञता के लिए अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है। सोलर पावर सिस्टम्स के लिए थर्मल एनर्जी स्टोरेज में उनके इनोवेशन ने ऐसी कंक्रीट तैयार करने में मदद की है, जो 600 डिग्री सेल्सियस तक का तापमान सहन कर सकती है।

इनके अलावा सेल्वम ने इंजीनियरिंग एजुकेशन में अहम योगदान दिया है। अरकंसास विश्वविद्यालय में वह 23 अंडरग्रेजुएट और ग्रेजुएट कोर्स पढ़ा चुके हैं। इनमें से 12 कोर्स तो उन्होंने खुद तैयार किए हैं। उन्होंने 17 पीएचडी छात्रों, सात पोस्टडॉक्टोरल फेलो, मास्टर्स के 35 छात्रों और 27 स्नातक छात्रों की मेंटरशिप की है। 

सेल्वम अमेरिकन सोसाइटी ऑफ सिविल इंजीनियर्स इंजीनियरिंग मैकेनिक्स इंस्टीट्यूट के बोर्ड ऑफ गवर्नर्स और अरकंसास एकेडमी ऑफ साइंस के प्रेसिडेंट के रूप में भी सेवाएं दे चुके है। हाल ही में इंजीनियरिंग मैकेनिक्स इंस्टीट्यूट ने उन्हें फेलो नामित किया था। वह इस वर्ष चार अंतरराष्ट्रीय सम्मेलनों में मुख्य भाषण देने वाले हैं।

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