ADVERTISEMENTs

बाइडेन प्रशासन ने कहा, चार वर्षों में मजबूत हुए भारत-अमेरिका संबंध, आगे भी बेहतर रहेगा

व्हाइट हाउस में प्रेस सचिव करिन जीन-पियरे और राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका-भारत संबंधों पर चर्चा की। बदलते रिश्तों पर बात करते हुए, किर्बी ने राष्ट्रपति बाइडेन के कार्यकाल के दौरान हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर रोशनी डाली।

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन का फाइल फोटो। / Reuters

अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन के प्रशासन ने भरोसा जताया है कि राष्ट्रपति चुनाव में जीत हासिल करने वाले डोनाल्ड ट्रम्प के आने वाले कार्यकाल में भी अमेरिका और भारत के बीच साझेदारी मजबूत बनी रहेगी। व्हाइट हाउस में गुरुवार को एक प्रेस ब्रीफिंग में प्रेस सचिव करिन जीन-पियरे और राष्ट्रीय सुरक्षा संचार सलाहकार जॉन किर्बी ने अमेरिका-भारत संबंधों पर चर्चा की। बदलते रिश्तों पर बात करते हुए, किर्बी ने राष्ट्रपति बाइडेन के कार्यकाल के दौरान हुई महत्वपूर्ण प्रगति पर रोशनी डाली।

किर्बी ने कहा, 'राष्ट्रपति बाइडेन को इस बात पर बहुत गर्व है कि पिछले चार वर्षों में भारत के साथ हमारे द्विपक्षीय संबंधों में कितना बदलाव आया है। हिंद-प्रशांत क्षेत्र में बेहतर सैन्य संचार, घनिष्ठ रक्षा साझेदारी, लोगों के बीच मजबूत संबंध और बेहतर आर्थिक संबंधों के साथ अमेरिका-भारत संबंध और मजबूत हुए हैं।'

क्वॉड (ऑस्ट्रेलिया, भारत, जापान और अमेरिका का समूह) और I2U2 (भारत, इजराइल, संयुक्त अरब अमीरात और अमेरिका का समूह) जैसी पहलों के प्रति अगले प्रशासन के दृष्टिकोण के बारे में सवाल पर किर्बी ने कहा, 'यह उन पर निर्भर करेगा कि वे इन साझेदारियों का कैसे लाभ उठाते हैं। राष्ट्रपति बाइडेन ने एक मजबूत नींव रखी है।' 

अमेरिका-भारत संबंधों को लेकर दोनों दलों के समर्थन के विषय पर किर्बी आशावादी थे। उन्होंने कहा, 'इस साझेदारी को लगातार दोनों दलों का मजबूत समर्थन मिला है। मुझे ऐसा कोई कारण नहीं दिखता कि इसमें बदलाव आए। यह रिश्ता साझा मूल्यों और रणनीतिक हितों पर आधारित है जो पार्टी लाइनों से परे हैं।'

बता दें कि ट्रम्प के आने वाले प्रशासन ने प्रमुख भूमिकाओं में भारतीय-अमेरिकियों को नियुक्त किया है, जो अमेरिकी राजनीति में भारतीयों के बढ़ते प्रभाव को दर्शाता है। ट्रम्प के 2.0 कैबिनेट में, डॉ. जय भट्टाचार्य को नेशनल इंस्टिट्यूट्स ऑफ हेल्थ, विवेक रामस्वामी को सरकारी दक्षता विभाग और कश्यप 'काश' पटेल को FBI निदेशक के रूप में नियुक्त किया गया है। इसके अलावा, हाल ही में हरमीत के ढिल्लों को अमेरिकी न्याय विभाग में नागरिक अधिकारों के सहायक अटॉर्नी जनरल के रूप में नियुक्त किया गया है।

इसके अलावा, नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के प्रशासन के तहत, विवेक रामस्वामी और एलोन मस्क सरकारी दक्षता विभाग (DOGE) पर मिलकर काम कर रहे हैं। हालांकि, ये मजबूत संबंध काफी दबाव में हैं। भारत खुद को एक चुनौतीपूर्ण स्थिति में पाता है क्योंकि डोनाल्ड ट्रम्प ने BRICS देशों को उनकी मुद्रा योजनाओं को लेकर कड़ी चेतावनी जारी की है। 

पिछले महीने 30 नवंबर को, डोनाल्ड ट्रम्प ने BRICS देशों से मांग की कि वे वैश्विक व्यापार में अमेरिकी डॉलर के स्थान पर एक नई मुद्रा बनाने या उसका समर्थन करने का वादा न करें। उन्होंने चेतावनी दी थी कि ऐसा न करने पर अमेरिका को उनके निर्यात पर 100 प्रतिशत शुल्क लगाया जाएगा। BRICS समूह में ब्राजील, रूस, भारत, चीन और दक्षिण अफ्रीका शामिल हैं।इसके अलावा ईरान और संयुक्त अरब अमीरात जैसे नए सदस्य शामिल हुए हैं। संगठन ने हाल ही में वैश्विक व्यापार में विविधता लाने के लिए डॉलर के विकल्पों का पता लगाया है। ट्रम्प ने इस कदम को अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व के लिए सीधी चुनौती के रूप में देखा है। 

ट्रम्प ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्रुथ सोशल पर लिखा, 'हमें इन देशों से प्रतिबद्धता की आवश्यकता है कि वे न तो कोई नई BRICS मुद्रा बनाएंगे और न ही अमेरिकी डॉलर के स्थान पर किसी अन्य मुद्रा का समर्थन करेंगे। नहीं तो उन्हें 100% टैरिफ का सामना करना पड़ेगा। उन्हें अमेरिका की अर्थव्यवस्था में बिक्री को अलविदा कहने की उम्मीद करनी चाहिए।'  उन्होंने आगे लिखा, इसकी कोई संभावना नहीं है कि BRICS अंतरराष्ट्रीय व्यापार में अमेरिकी डॉलर को बदल देगा।और जो भी देश कोशिश करता है उसे अमेरिका को अलविदा कह देना चाहिए।'

 

Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related