रक्षा विभाग में वरिष्ठ नेतृत्व पदों के लिए व्हाइट हाउस के दो मनोनीत सदस्यों ने कहा है कि भारत के साथ अमेरिका की गहरी होती साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। उन्होंने सांसदों को आश्वासन दिया कि यदि उनकी नियुक्ति की पुष्टि हो जाती है तो वे इस रक्षा साझेदारी को और मजबूत करेंगे।
नीति के लिए रक्षा उप सचिव मनोनीत एल्ब्रिज कोल्बी ने अपनी पुष्टि सुनवाई के दौरान सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा कि भारत के साथ अमेरिका की गहरी होती साझेदारी अत्यंत महत्वपूर्ण है। यदि नियुक्ति की पुष्टि हो जाती है तो मैं इस महत्वपूर्ण साझेदारी को और तेज करने तथा विस्तारित करने का प्रयास करूंगा। इसके तहत मैं परस्पर सैन्य संबंधों को और मजबूत करने की कोशिश करूंगा।
रक्षा उप सचिव के लिए मनोनीत स्टीफन फीनबर्ग ने कहा कि भारत-अमेरिका रक्षा साझेदारी ने सैन्य अभ्यास, रक्षा बिक्री और रणनीतिक वार्ता के माध्यम से परिवर्तनकारी विकास देखा है। यदि नियुक्ति की पुष्टि हो जाती है तो मैं परिचालन समन्वय, सूचना साझाकरण और रक्षा औद्योगिक तथा प्रौद्योगिकी सहयोग के माध्यम से भारत के साथ हमारी रक्षा साझेदारी को और मजबूत करना जारी रखूंगा।
फीनबर्ग ने कहा जैसा कि राष्ट्रपति ट्रम्प ने दोहराया है कि अमेरिका-भारत साझेदारी हमारे रणनीतिक हितों की साझा कदमताल द्वारा समर्थित है। वहीं, कोल्बी ने सांसदों को बताया कि चीन अपने अंतरराष्ट्रीय व्यापार को सुरक्षित करने और अंततः एशिया पर आधिपत्य स्थापित करने तथा वैश्विक स्तर पर श्रेष्ठता हासिल करने की क्षमता की तलाश में विदेशों में अपनी सैन्य उपस्थिति का विस्तार करने की कोशिश कर सकता है।
उन्होंने कहा कि बीजिंग ने न केवल अपने क्षेत्र में बल्कि दुनिया भर में अपने ठिकानों की तलाश की है। चीन अंततः एक वैश्विक चुनौती पेश करता है लेकिन सैन्य समस्या का मूल पश्चिमी प्रशांत क्षेत्र है।
कोल्बी ने सीनेट सशस्त्र सेवा समिति के सदस्यों से कहा कि यदि उनकी नियुक्ति की पुष्टि हो जाती है तो वे यह सुनिश्चित करने को प्राथमिकता देंगे कि संयुक्त राज्य अमेरिका पाकिस्तान या अन्य जगहों से उत्पन्न होने वाले खतरों से अमेरिकियों की रक्षा करने में सक्षम है। उन्होंने कहा कि राष्ट्रपति ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उनकी सर्वोच्च प्राथमिकता संयुक्त राज्य अमेरिका और अमेरिकी लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करना है।
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