भारत में अमेरिकी राजदूत एरिक गार्सेटी का कार्यकाल इसी महीने खत्म हो रहा है। उन्होंने भारत में बिताए समय को बेहद असाधारण बताया और कहा कि इस देश ने मेरा दिल जीत लिया है। इस दौरान उन्होंने अमेरिका-भारत के संबंधों को अनंत संभावनाओं का भी जिक्र किया।
रियर एडमिरल क्रिस्टोफर कैवनॉग के साथ मुंबई में एरिक गार्सेटी ने कहा कि वैश्विक शांति एवं सुरक्षा को बढ़ावा देने में अमेरिका-भारत की रक्षा साझेदारी काफी महत्वपूर्ण है। ये संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं। हम सभी जानते हैं कि शांति कायम करने का अर्थ यह सुनिश्चित करना होता है कि युद्ध रुक जाए और आगे फिर ऐसी नौबत न आए। उन्होंने कहा कि हम सभी को उन लोगों से ज्यादा खतरा है, जो आधी-अधूरी शक्तियों के सहारे, अपनी मर्जी के नियम-कायदे तय करने लगते हैं।
उन्होंने अंतरराष्ट्रीय सीमाओं की सुरक्षा और नियम आधारित वैश्विक व्यवस्था कायम रखने के महत्व पर जोर डालते हुए कहा कि चाहे दक्षिण चीन सागर हो, हिंद महासागर हो या फिर लाल सागर, मेरा मानना है कि अमेरिका और भारत दोनों मानते हैं कि सीमाओं की पवित्रता जरूरी है। उनकी पवित्रता सर्वोपरि है। सीमा पर शांति नियमों के जरिए ही संभव हो सकती है। भले ही हमें नियमों को समय-समय पर संशोधित करना पड़े, लेकिन इसी से खतरों का मुकाबला किया जा सकता है।
भारत से द्विपक्षीय संबंधों के रणनीतिक महत्व के रेखांकित करते हुए गार्सेटी ने कहा कि राष्ट्रपति जो बाइडन कहते हैं कि भारत उनके लिए दुनिया का सबसे महत्वपूर्ण देश है। यदि आप भविष्य के लिए काम करना चाहते हैं, तो आपको भारत के साथ मिलकर काम करना होगा। ऐसा आज से पहले किसी अमेरिकी राष्ट्रपति ने कभी नहीं कहा था।
गार्सेटी ने भारत की वैश्विक भूमिका की प्रशंसा करते हुए कहा कि हम लचीले हैं और करीब रहना चाहते हैं। चाहे यूक्रेन-रूस संघर्ष हो या फिर हिंद महासागर में गश्त का मसला, मैं वैश्विक शांति में भारत की भूमिका का स्वागत करता हूं। हम भारत को तरक्की करते हुए देखना चाहते हैं। एक ऐसा मजबूत और गौरवशाली भारत, जिसे आधुनिक दुनिया ने कभी नहीं देखा।
भारत-अमेरिका के बीच व्यापारिक संबंधों पर गार्सेटी ने कहा कि भारत के साथ व्यापार घाटा अधिक है। टैरिफ अधिक हैं। मैं नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के इस विचार से सहमत हूं कि शुल्क काफी ऊंचे हैं। हमें टैरिफ कम करने की जरूरत है ताकि हम सेमीकंडक्टर, दूरसंचार उपकरण और रक्षा उपकरण एक साथ बना सकें।
ट्रम्प के शपथ ग्रहण समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को संभावित निमंत्रण के बारे में पूछे जाने पर गार्सेटी ने दोनों के बीच करीबी संबंधों का जिक्र किया। उन्होंने कहा कि मोदी और ट्रम्प काफी करीब हैं। मुझे उस वक्त का इंतजार है, जब वे पहले वाशिंगटन में और उसके बाद क्वाड समिट के दौरान भारत में मिलेंगे। मेरा तात्पर्य शपथ समारोह से नहीं है बल्कि आमने-सामने की बातचीत से है जो हमारे संबंधों में अगले अध्याय को परिभाषित करेंगे।
It’s good to be back in Mumbai. I was honored to highlight our shared security partnership toward peace alongside Rear Admiral Cavanaugh. The #USIndiaDefense partnership is one of the most consequential in the world, fostering peace and prosperity in the Indo-Pacific and beyond.… pic.twitter.com/34TveDm2hd
— U.S. Ambassador Eric Garcetti (@USAmbIndia) January 9, 2025
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