अमेरिका में भारतीय मूल के सर्जन जनरल डॉ. विवेक मूर्ति द्वारा शराब पीने से कैंसर के बढ़ते खतरे की चेतावनी पर नई बहस छिड़ गई है। इस बीच आंकड़ों से जाहिर है कि पिछले कुछ वर्षों में अमेरिकी युवाओं में शराब की लत कम हुई है और उनका झुकाव मॉकटेल तथा जूस जैसे पेय पदार्थों की तरफ बढ़ रहा है।
अभी ये स्पष्ट नहीं है कि सर्जन जनरल विवेक मूर्ति के शराब से जोखिम की चेतावनी पर कांग्रेस कोई कदम उठाएगी या नहीं। लेकिन विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे पब्लिक हेल्थ निकाय इसके खतरों को लेकर पहले ही एक्टिव हो चुके हैं और तंबाकू के बाद अब शराब का इस्तेमाल घटाने पर फोकस कर रहे हैं।
अमेरिकन मेडिकल एसोसिएशन ने एक बयान में कहा है कि वह बरसों से लोगों को शराब से कैंसर होने के बढ़ते जोखिम को लेकर चेतावनी देता रहा है। इस खतरे के तमाम पुख्ता सबूतों के बावजूद बहुत से लोग शराब के जोखिम को लेकर अभी तक अनजान हैं।
हालांकि आंकड़ों के मुताबिक, पिछले एक दशक में कम उम्र के वयस्कों में शराब पीने की आदत कम हुई है। अमेरिका में मादक द्रव्यों के सेवन एवं मानसिक स्वास्थ्य सेवा प्रशासन द्वारा 2023 में कराए गए राष्ट्रीय सर्वे के आंकड़े बताते हैं कि 18 से 25 साल की उम्र के 49.6 फीसदी अमेरिकियों ने एक महीने में एक बार शराब पीने का दावा किया था जबकि 2013 के ऐसे लोगों की संख्या 59.6 फीसदी थी।
ब्रुकलिन निवासी एमी हडसन, 35, ने कहा कि उसने 2021 में क्रोनिक माइग्रेन होने के बाद सप्ताह में कई बार शराब पीने से लेकर महीने में तीन बार से भी कम समय तक कटौती की।
हडसन ने कहा, 'मैंने अपने आहार में विरोधी भड़काऊ खाद्य पदार्थों को शामिल करते हुए एंटीऑक्सिडेंट प्राप्त करने के लिए मॉकटेल को एक अच्छा तरीका पाया। उसने कहा कि अनानास, चेरी का रस और अदरक जैसी सामग्री ने उसके माइग्रेन का प्रबंधन करने में मदद की है।
गैर-मादक पेय ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द जीरो प्रूफ के सीईओ शॉन गोल्डस्मिथ कहते हैं कि सर्जन जनरल का चेतावनी ऐसे समय आई है जब अमेरिका में काफी लोग महसूस कर रहे हैं कि शराब पीना सेहत के लिए अच्छा नहीं है।
गोल्डस्मिथ ने बताया कि जीरो प्रूफ के लगभग 90% खरीदार शराब पीने वाले हैं, लेकिन स्वस्थ पेय पदार्थों की तलाश में रहते हैं। उनके 60% से अधिक ग्राहक महिलाएं हैं और अधिकांश की उम्र 28 से 43 वर्ष के बीच है।
लॉस एंजिल्स में 42 वर्षीय विक्रेता सारा मार्टिन ने कहा कि मैं खुश हूं कि युवाओं का शराब कल्चर से मोहभंग हो रहा है। लेकिन मुझे नहीं लगता कि शराब को कैंसर के जोखिम से जोड़ने से इसकी खपत में कमी आएगी।
मार्टिन का कहना था कि सिगरेट से फेफड़ों के कैंसर का खतरा बताने के लिए बड़े पैमाने पर चलाए गए जन जागरूकता अभियानों ने लोगों के दिमाग में इसके जोखिम का डर बैठा दिया है। उसी तरह का अभियान शराब को लेकर चलाना होगा। इसे चेतावनी के तौर पर लेबल करना इस दिशा में पहला कदम है।
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