प्रोफेसर फरहान गांधी को नॉर्थ कैरोलिना स्टेट यूनिवर्सिटी के मैकेनिकल और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग विभाग में हसन ए हसन प्रतिष्ठित प्रोफेसर के रूप में नामित किया गया है। प्रो. गांधी ने 1989 में आईआईटी-बॉम्बे से एयरोनॉटिकल इंजीनियरिंग में बीटेक और 1995 में मैरीलैंड यूनिवर्सिटी के अल्फ्रेड गेसो रोटरक्राफ्ट सेंटर से एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में डॉक्टरेट की उपाधि प्राप्त की थी।
यूनिवर्सिटी की ओर से मीडिया को बताय गया कि प्रो. गांधी eVTOL (इलेक्ट्रिक वर्टिकल टेक-ऑफ एंड लैंडिंग) विमान प्रौद्योगिकियों के क्षेत्र में किए गए अपने शोध आधारित योगदान के लिए जाने जाते हैं। प्रो. गांधी को MAE विभाग ने लंबी खोज के बाद इस पद के लिए चुना।
विभाग के दिवंगत दिग्गज और एयरोस्पेस इंजीनियरिंग के क्षेत्र के शिखर पुरुष हसन ए. हसन ने 2019 में निधन से कुछ समय पहले अपने बेटे बेसिल हसन और विभाग प्रमुख श्रीनाथएक्कड़ के साथ प्रोफेसरशिप स्थापित करने में मदद की। कहा जा रहा है कि प्रो. गांधी विभाग और समग्र रूप से एनसी स्टेट यूनिवर्सिटी में उसी विरासत को आगे बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे।
पेन स्टेट एयरोस्पेस फैकल्टी में 17 वर्षों के बाद प्रो. गांधी वर्ष 2012 में एयरोस्पेस इंजीनियरिंग में रेडफर्न संपन्न चेयर प्रोफेसर के रूप में रेंससेलर पॉलिटेक्निक इंस्टीट्यूट चले गए। 29 वर्षों से अधिक के अकादमिक करियर के दौरान प्रो. गांधी के विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में लगभग 360 तकनीकी पत्र प्रकाशित हुए हैं। वह 29 पीएचडी छात्रों के मार्गदर्शक भी रहे हैं। वर्तमान में वह एक ऐसे शोध समूह का नेतृत्व कर रहे हैं जिसमें दो शोध वैज्ञानिक और आठ डॉक्टरेट छात्र शामिल हैं।
प्रो. गांधी को कई शोध पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। इनमें अल्कोआ फाउंडेशन विशिष्ट इंजीनियरिंग अनुसंधान पुरस्कार (1987), पूर्व छात्र विशिष्ट स्नातक प्रोफेसर (1991), नासा लोक सेवा पदक (1992), शिक्षण, अनुसंधान और विस्तार में उत्कृष्टता के लिए आर.जे. रेनॉल्ड्स कंपनी अवॉर्ड (1993), एआईएए थर्मोफिजिक्स अवार्ड (1999) और वर्ष 2004 में अलेक्जेंडर होलाडे मेडल फॉर एक्सीलेंस शामिल हैं।
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