फसलों के लिए न्यूनतम खरीद मूल्य की कानूनी गारंटी की मांग कर रहे किसानों का प्रदर्शन एक बार फिर उग्र रूप लेने लगा है। किसान संगठन बड़ी संख्या में शंभू बॉर्डर पर जमे हुए हैं। शुक्रवार को किसानों का दिल्ली कूच का प्रोग्राम तय था, लेकिन हरियाणा पुलिस की सख्ती के आगे किसान दिल्ली कूच नहीं कर सके। सुरक्षाकर्मियों की सख्ती के बाद किसानों ने सरकार को दो दिन का वक्त दिया है। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि सुरक्षाकर्मियों द्वारा दागे गए आंसू गैस के गोलों के कारण कुछ किसान घायल हो गए। हमने सरकार को दो दिन का वक्त दिया है। अगर हमारी मांगे पूरी नहीं होती हैं तो रविवार को दिल्ली कूच किया जाएगा।
दरअसल, किसानों के विरोध प्रदर्शन के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार ने 2021 में कुछ कृषि सुधार कानूनों को निरस्त कर दिया था और सभी उपज के लिए समर्थन मूल्य सुनिश्चित करने के तरीके खोजने के लिए एक पैनल गठित करने की प्रतिबद्धता जताई थी, लेकिन किसान संगठनों का आरोप है कि सरकार ने अपने वादे अभी तक पूरे नहीं किए हैं।
द ट्रिब्यून की रिपोर्ट के अनुसार, किसान एक बार फिर दिल्ली कूच की तैयारी कर रहे हैं। इसके लिए बड़ी संख्या में किसान शंभू बॉर्डर पर जमे हुए हैं। दिल्ली कूच की तैयारी है। किसान नेता सरवन सिंह का कहना है कि रविवार को हम अपना मार्च फिर से शुरू करेंगे।
पुलिस और किसान प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प
शुक्रवार को हरियाणा पुलिस और अर्धसैनिक बलों द्वारा शंभू सीमा पर आंदोलनकारी किसानों पर शुक्रवार को आंसूगैस के गोले दागे जाने से छह प्रदर्शनकारी घायल हो गए। प्रदर्शनकारियों के सीमा पर लगे बैरिकेड्स की ओर बढ़ने पर सुरक्षाकर्मियों ने आंसूगैस के गोले दागे। 'मरजीवड़ा जत्था' नाम के 101 किसानों के एक समूह ने शंभू सीमा स्थित अपने विरोध स्थल से दिल्ली के लिए पैदल मार्च शुरू किया, लेकिन बैरिकेडिंग द्वारा पुलिस ने उन्हें एक मीटर की दूरी पर ही रोक दिया।
इलाके में धारा 163 लागू
भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 163 के तहत लागू निषेधाज्ञा का हवाला देते हुए हरियाणा पुलिस ने किसानों से आगे न बढ़ने को कहा। इस बीच, दिल्ली पुलिस ने राष्ट्रीय राजधानी में किसानों के मार्च से पहले सीमाओं पर सुरक्षा कड़ी कर दी है।
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