नए साल के पहले दिन न्यू ऑर्लियंस में भीड़ को इस्लामिक स्टेट के झंडा लगे ट्रक से रौंदकर 15 लोगों की जान लेने और 30 लोगों को घायल करने वाले अमेरिकी आर्मी के पूर्व सैनिक के मददगारों की एफबीआई सरगर्मी से तलाश कर रही है। अधिकारियों ने कुछ लोगों पर शक जताया है।
42 वर्षीय शमसुद्दीन जब्बार किराए पर लिए गए फोर्ड एफ-150 ट्रक से न्यू ऑर्लियंस में नए साल का जश्न मनाने जुटी भीड़ को रौंदते हुए चला गया था, जिसे बाद में पुलिस ने गोली मारकर ढेर कर दिया। अधिकारियों का कहना है कि जब्बार इस्लामिक स्टेट के वीडियो देखता था और उनसे प्रभावित था।
पुलिस सुपरिंटेंडेंट एना किर्कपैट्रिक का कहना है कि फिलहाल कुछ लोग हमारे रडार पर हैं, लेकिन हम उन्हें जब्बार का साथी अभी नहीं कहेंगे। एफबीआई इसकी तहकीकात करना चाहती है कि ये लोग जब्बार से किसी तरह संबंधित थे या नहीं। उन्होंने ये भी कहा कि हो सकता है, जब्बार ने अकेले ही इस वारदात को अंजाम दिया हो।
राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा है कि एजेंसियां न्यू ऑर्लियंस में हुए हमले और बुधवार को लास वेगास में निर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प के मालिकाना हक वाले होटल के बाहर टेस्ला के साइबरट्रक में हुए विस्फोट के संभावित लिंक की भी जांच कर रही हैं। इस घटना में एक व्यक्ति की मौत हुई है और सात अन्य जख्मी हैं।
ट्रम्प के शपथ ग्रहण से तीन हफ्ते पहले हुई इस वारदात को लेकर राजनीति भी शुरू हो गई है। हमलावर अमेरिका में जन्मा नागरिक था, ये जानते हुए भी रिपब्लिकन नेताओं ने इसके बहाने प्रवासी विरोधी एजेंडे को धार देना शुरू कर दिया है। ट्रम्प ने खुद सोशल मीडिया पर इसे अमेरिका की 'खुली सीमाओं' से जोड़कर हमला किया।
ट्रम्प ने कहा कि कानून प्रवर्तन एजेंसियां अमेरिकियों पर बाहर और अंदर से हो रहे हमलों पर ध्यान देने के बजाय उनके राजनीतिक विरोधियों यानी मुझ पर हमले कर रही हैं। उन्होंने यहां तक कहा कि अमेरिका टूटकर बिखर रहा है। सीआईए को इसकी जांच में शामिल करना चाहिए। हालांकि उन्होंने इसकी डिटेल नहीं दी।
न्यू ऑर्लियंस के हमलावर जब्बार की जानकारी देते हुए पेंटागन ने बताया है कि उसने 2007 से लेकर 2015 तक ह्यूमन रिसोर्स स्पेशलिस्ट और आईटी एक्सपर्ट के रूप में सेना में काम किया था। उसके बाद 2020 तक वह आर्मी रिजर्व में रहा था। फरवरी 2009 से लेकर जनवरी 2010 तक वह अफगानिस्तान में भी तैनात रहा था।
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login