ADVERTISEMENTs

FIIDS ने बांग्लादेश संकट पर अमेरिका, भारत और संयुक्त राष्ट्र से की ये विशेष अपील

FIIDS ने विशेष पैनल चर्चा का आयोजन किया जिसमें इंडिया फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक कैप्टन आलोक बंसल, HRCBM की कार्यकारी निदेशक प्रिया साहा और FIIDS के नीति एवं रणनीति प्रमुख खांडेराव कंद जैसे विशेषज्ञों ने विचार मंथन करके कई सुझाव पेश किए। 

बांग्लादेश में अराजकता के बीच अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर अत्याचार की खबरें आ रही हैं। / REUTERS/Fatima Tuj Johora

बांग्लादेश में बिगड़े हालात पर फाउंडेशन फॉर इंडिया एंड इंडियन डायस्पोरा स्टडीज (FIIDS) ने गहरी चिंता जताई है। संगठन ने अमेरिकी सरकार, संयुक्त राष्ट्र, मानवाधिकार संगठनों और भारत की नरेंद्र मोदी सरकार से स्थिति संभालने के लिए तुरंत कदम उठाने का आह्वान किया है।

बांग्लादेश में व्यापक विरोध और दंगों के कारण प्रधानमंत्री शेख हसीना को इस्तीफा देना पड़ा है। अराजकता के बीच अल्पसंख्यकों खासकर हिंदुओं पर अत्याचार की खतरनाक खबरें आ रही हैं। पुलिस के नदारद होने, सेना द्वारा कर्फ्यू न लगाने और प्रशासन के पंगु होने के कारण जमात-ए-इस्लामी जैसे चरमपंथी संगठन कथित तौर पर हिंसा को अंजाम दे रहे हैं। 

एफआईआईडीएस ने स्थिति पर विचार के लिए बुधवार को विशेष पैनल चर्चा का आयोजन किया। इसमें इंडिया फाउंडेशन के कार्यकारी निदेशक कैप्टन आलोक बंसल, HRCBM की कार्यकारी निदेशक प्रिया साहा और FIIDS के नीति एवं रणनीति प्रमुख खांडेराव कंद जैसे विशेषज्ञों ने मंथन करके कई सुझाव पेश किए। 

संगठन की तरफ से जारी प्रेस रिलीज में अमेरिकी राष्ट्रपति, विदेश मंत्रालय, आईआरएफ के राजदूत और राष्ट्रपति पद के उम्मीदवारों से बांग्लादेश में शांति बहाली और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए तत्काल कार्रवाई करने का आह्वान किया गया है ताकि वहां पर हिंदुओं के संभावित नरसंहार को रोका जा सके।

FIIDS ने मांग की है कि अमेरिकी अधिकारी खासतौर से मानवाधिकार आयोग, विदेश मामलों की समिति, इंडिया कॉकस, हिंदू कॉकस और इसी तरह के समूह बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के खिलाफ हिंसा की निंदा करते हुए कड़े बयान जारी करें। 

FIIDS का कहना है कि संयुक्त राष्ट्र को बांग्लादेश में स्थिति कंट्रोल करने और कमजोर वर्गों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पर्यवेक्षक और शांति सेना तैनात करनी चाहिए। संयुक्त राष्ट्र को विशेष सत्र बुलाकर अल्पसंख्यकों की स्थिति पर चर्चा करनी चाहिए, जिससे अंतरराष्ट्रीय समुदाय का ध्यान इस तरफ जा सके।  

FIIDS के नीति एवं रणनीति प्रमुख खांडेराव कंद ने कहा कि भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर को अपने प्रभाव का इस्तेमाल करके बांग्लादेश की नई सरकार और सेना से शांति कायम करने और अल्पसंख्यकों की सुरक्षा के लिए बात करनी चाहिए। साथ ही, हिंसा के कारण पलायन करने वाले नागरिकों की सुरक्षा के लिए बांग्लादेश सीमा पर अस्थायी शेल्टर होम स्थापित करने चाहिए।

संगठन का कहना है कि भारतीय अमेरिकी समुदाय अपने निर्वाचित नेताओं से बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की रक्षा के लिए कड़ा कदम उठाने का अनुरोध करेगा। बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के नरसंहार की आशंका के विरोध में शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित करेंगे।

FIIDS का कहना है कि बांग्लादेश का इतिहास गवाह है कि 1971 में वहां नरसंहार, हत्याएं, बलात्कार के कारण लाखों लोगों को पलायन करना पड़ा था। इसकी वजह से 2022 तक अल्पसंख्यकों की आबादी 22% से घटकर लगभग 8% हो गई है। 

संगठन ने आगे कहा कि ऐसे में यह महत्वपूर्ण है कि अमेरिका और संयुक्त राष्ट्र के नेतृत्व में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को आगे आकर बांग्लादेशी अल्पसंख्यकों पर अत्याचार  रोकने और मानवाधिकारों की रक्षा के लिए तेजी से कदम उठाने चाहिए। 



Comments

ADVERTISEMENT

 

 

 

ADVERTISEMENT

 

 

E Paper

 

 

 

Video

 

Related