टिनेसा कौर यूके की ऐसी पहली सिख महिला बन गई हैं, जिन्हें यंग प्रो-बोनो बैरिस्टर ऑफ द ईयर अवॉर्ड से सम्मानित किया गया है। इसे कानूनी पेशे में सबसे सम्मानित पुरस्कारों में से एक माना जाता है।
Delighted to have won the Young Pro-Bono Barrister of the Year Award through @WeAreAdvocate
— Tinessa Kaur (Tish) (@SherniBarrister) May 9, 2024
As a Sikh I merely see it as my duty to undertake Pro-Bono work in the form of Sewa [selfless service] a core value taught by our Guru's .
Thank you for all the kind wishes. pic.twitter.com/toSRHrjl4Z
बीबीसी के अनुसार, 32 वर्षीय बैरिस्टर टिनेसा कौर का यहां तक का सफर आसान नहीं रहा है। उनके पिता बचपन में ही उन्हें छोड़कर चले गए थे। 2009 में 17 साल की उम्र में वह बेघर हो गई थीं। ऐसी ही समस्याओं से जूझते हुए उन्होंने ए-लेवल परीक्षा पास की।
2010 में जब उन्होंने स्कूलिंग पूरी की थी, तब उनके पिता जेल में थे। इसके बाद वह पश्चिम लंदन में ग्रीनफोर्ड पहुंचीं और सिख समुदाय में शरण ली। तमाम बाधाओं को पार करते हुए कौर ने 2013 में कानून की डिग्री हासिल की।
टिनेसा कौर हमेशा दूसरों की सेवा करने के लिए प्रतिबद्ध रहीं। उन्होंने अपना खाली समय वंचित समुदायों को कानूनी मदद मुहैया कराने में समर्पित किया। टिनेसा सिख लॉयर्स एसोसिएशन की सह-संस्थापक भी हैं। यह संगठन निस्वार्थ सेवा की भावना में विश्वास के साथ लोगों की मदद करता है।
इसके अलावा टिनेसा कौर लीगल यूके की निदेशक भी हैं। वह कानून से जुड़े विभिन्न क्षेत्रों में कानूनी सलाह देने और दस्तावेज तैयार करने में विशेषज्ञता रखती हैं। कौर जस्ट कट इट आउट नाउ प्रोजेक्ट की निदेशक भी हैं, जिसका उद्देश्य युवाओं में गिरोह संस्कृति और हिंसा को रोकना है।
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