पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के किसानों कच्चे कृषि उत्पादों को मार्केट रेडी खाद्य एवं पेय पदार्थों में बदलकर किसानों की मदद के उद्देश्य से एक नए इंस्टिट्यूट की स्थापना की है। इंस्टिट्यूट फॉर फूड प्रोडक्ट इनोवेशन एंड कमर्शलाइजेशन के डायरेक्टर भारतीय अमेरिकी फूड साइंटिस्ट धर्मेंद्र मिश्रा हैं।
इस संस्थान को अमेरिका के कृषि एवं ग्रामीण विकास विभाग की ओर से 1.5 मिलियन डॉलर का अनुदान दिया गया है। इसकी स्थापना पर्ड्यू यूनिवर्सिटी के खाद्य विज्ञान एवं कृषि अर्थशास्त्र विभागों के सहयोग से की गई है। यह खाद्य निर्माण, सुरक्षा, मार्केटिंग और आंत्रप्रेन्योरशिप में विशेषज्ञता को एक साथ लाकर प्रोडक्ट डेवलपमेंट में किसानों की मदद करेगा।
धर्मेंद्र मिश्रा ने कहा कि किसानों को अक्सर अपनी फसलों को उपभोक्ता उत्पादों में बदलने में काफी कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है। हम किसानों और उद्यमियों के लिए इन बाधाओं को दूर करना चाहते हैं। इस कार्य में यह अनुदान काफी सहायक सिद्ध होगा। संस्थान के सहायक निदेशक और कृषि अर्थशास्त्र के प्रोफेसर केनेथ फोस्टर ने परियोजना के बारे में जानकारी दी।
इस परियोजना में विश्वविद्यालय के व्यापारिक स्तर पर मैन्यूफैक्चरिंग करने वाले पायलट प्लांट और 2021 में लॉन्च फूड आंत्रप्रेन्योरशिप एंड मैन्यूफैक्चरिंग इंस्टिट्यूट (FEMI) का भी सहयोग रहेगा। इस प्रोग्राम के तीन चरण होंगा- ऑनलाइन ट्रेनिंग, फूड प्रोडक्ट्स के जीवनचक्र पर एक दिन की वर्कशॉप और व्यक्तिगत ऑन कैंपस फीडबैक।
मिश्रा का कहना है कि इस पहल में इंडियाना के कृषि संगठनों के बोर्ड मेंबर्स का मार्गदर्शन लिया जाएगा ताकि छात्रों और किसानों को अधिक से अधिक फायदा हो सके।
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