भारत के पूर्व मुख्य आर्थिक सलाहकार कृष्णमूर्ति वी. सुब्रमण्यन और जोहो कॉरपोरेशन के सीईओ श्रीधर वेम्बू ने भारत से अपनी ताकत बढ़ाने और टिकाऊ विकास के लिए माहौल बनाने की अपील की है।
वेम्बू के एक सोशल मीडिया पोस्ट (X पर) के जवाब में सुब्रमण्यन ने कहा, 'भारत को लगातार 8 फीसदी की विकास दर हासिल करने और एक समृद्ध देश बनने की चाह रखनी चाहिए।' उन्होंने नीति-निर्माताओं से यह विचार करने को कहा कि आखिर भारतीय विदेशों में क्यों कामयाब होते हैं। उन्होंने अमेरिका जैसे देशों में कम नियम-कानून और ज्यादा आर्थिक आजादी की ओर इशारा किया। सुब्रमण्यन ने आगे कहा, 'अगर भारत यह सबक सीख लेगा, तो हम अपनी हकदार जगह पा सकते हैं।'
अपने पोस्ट में अरबपति वेम्बू ने भारत की चुनौतियों का समाधान करने के लिए घरेलू इनोवेशन के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा, 'दुनिया में असली सम्मान पाने के लिए भारतीयों को भारत में ही गहरी क्षमता विकसित करनी होगी। विदेशों में उपलब्धियां काम नहीं आएंगी।'
वेम्बू ने भारत में प्रतिभा को बनाए रखने और उसे निखारने की अपनी प्रतिबद्धता को उजागर किया और इसकी तुलना अमेरिका में विदेशी प्रतिभा पर निर्भरता से की। उन्होंने कहा, 'एक भारतीय होने के नाते, मैं भारत में प्रतिभा को बनाए रखने के लिए कड़ी मेहनत करता हूं, क्योंकि भारत की तकनीकी क्षमता को विकसित करने के लिए हमें इस प्रतिभा की बहुत जरूरत है।'
उन्होंने विकास के सामाजिक प्रभावों को भी रेखांकित किया और समावेशी विकास की वकालत की। वेम्बू ने कहा, 'अगर समाज के बड़े तबके पीछे छूट जाते हैं तो राष्ट्रीय विकास हासिल नहीं किया जा सकता।' उन्होंने आगे कहा, 'अपनी जनता को पीछे छोड़कर, क्या विदेशी प्रतिभा से हासिल की गई जीडीपी या AI में नंबर एक होने का दावा करने लायक हैं?'
यह बातचीत भारतीय-अमेरिकी उद्यमी श्रीराम कृष्णन की अमेरिका के अगले राष्ट्रपति चुनाव डोनाल्ड ट्रम्प के आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सलाहकार के रूप में नियुक्ति के बाद हुई है। यह नियुक्ति ट्रम्प के MAGA (मेक अमेरिका ग्रेट अगेन) आंदोलन में विवाद का कारण बनी। धूर दक्षिणपंथी कार्यकर्ता लौरा लूमर ने इस नियुक्ति को 'परेशान करने वाला' बताते हुए इमिग्रेशन से जुड़ी चिंताओं का हवाला दिया। लेकिन टेक अरबपति एलन मस्क और राजनेता विवेक रामस्वामी ने कृष्णन का बचाव करते हुए उनकी विशेषज्ञता पर जोर दिया।
लूमर ने तकनीकी दिग्गजों पर आप्रवासन नीतियों में हेराफेरी करने का आरोप लगाया, जिससे एक कड़ा वैचारिक विवाद शुरू हो गया। कृष्णन की उपलब्धियों पर विचार करते हुए वेम्बू ने बताया कि उन्होंने 2004 में उन्हें अपनी कंपनी में काम पर रखने पर विचार किया था। वेम्बू ने कहा, 'जब वह SRM विश्वविद्यालय में थे, तब मुझे उनकी प्रोग्रामिंग ब्लॉग के बारे में पता चला और मैं बहुत प्रभावित हुआ। दुर्भाग्य से, माइक्रोसॉफ्ट ने पहले ही उन्हें काम पर रख लिया था।'
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