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एआई से कर रहीं कमाल, भारतीय अमेरिकियों की ये चार कंपनियां सीएनबीसी की Disruptor-50 लिस्ट में

जिन कंपनियों को इस साल के डिसरप्टर 50 लिस्ट में जगह मिली है, वे हैं- ज़ूम (Zum), ताला (Tala), अल्फासेंस (AlphaSense) और ग्लीन (Glean)।

इन कंपनियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके इनोवेशन से अपने क्षेत्रों में खास जगह बनाई है।  / X AlphaSense @AlphaSenseInc

सीएनबीसी की तरफ से इस साल की डिसरप्टर-50 (Disruptor 50) कंपनियों की लिस्ट जारी कर दी गई है। इस लिस्ट में भारतीय अमेरिकी सीईओ और संस्थापकों की चार कंपनियां शामिल हैं। 

जिन कंपनियों को इस साल के डिसरप्टर 50 लिस्ट में जगह मिली है, वे हैं- ज़ूम (Zum), ताला (Tala), अल्फासेंस (AlphaSense) और ग्लीन (Glean)। इन कंपनियों ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का इस्तेमाल करके इनोवेशन से अपने अपने क्षेत्रों में खास जगह बनाई है। 



स्टूडेंट ट्रांसपोर्ट में क्रांति लाने के लिए ज़ूम को सूची में 31वां स्थान दिया है। यह 50 बिलियन डॉलर के छात्र परिवहन उद्योग में क्रांतिकारी बदलाव ला रहा है। रितु नारायण द्वारा 2015 में स्थापित ज़ूम का उद्देश्य स्कूल परिवहन को अधिक सुरक्षित, विश्वसनीय और टिकाऊ बनाना है। 



लिस्ट में 34वें स्थान पर मौजूद ताला विकासशील बाजारों में वित्तीय सेवाएं प्रदान करने वाली एक फिनटेक कंपनी है। 2014 में शिवानी सिरोया द्वारा लॉन्च ये कंपनी 350 मिलियन डॉलर जुटा चुकी है और इसकी वैल्यू 800 मिलियन डॉलर है। सैंटा मोनिका आधारित ये स्टार्टअप केन्या, भारत और फिलीपींस जैसे देशों में लोगों को छोटे कर्ज, क्रेडिट और बीमा प्रदान करने के लिए एआई का उपयोग करती है। 

अल्फासेंस लिस्ट में 40वें स्थान पर है। ये वित्तीय जानकारी जुटाने के लिए एआई संचालित सर्च इंजन है। जैक कोको और राज नीरवन्नन द्वारा 2011 में  न्यूयॉर्क में स्थापित ये कंपनी 770 मिलियन डॉलर जुटा चुकी है। इसकी वैल्यू 2.5 बिलियन डॉलर बताई जाती है। AlphaSense एआई की मदद से रियल टाइम में वित्तीय विश्लेषण प्रदान करती है। इसे Factiva और Capital IQ जैसे दिग्गजों की टक्कर की कंपनी माना जाता है। 

एआई पावर्ड एंटरप्राइज सर्च कंपनी ग्लीन सीएनबीसी की लिस्ट में 43वें स्थान पर है। ग्लीन एक एंटरप्राइज सर्च स्टार्टअप है, जिसकी स्थापना 2019 में अरविंद जैन और गूगल के पूर्व इंजीनियरों की टीम ने की थी। इसका मुख्यालय पालो अल्टो में है। इसकी वैल्यू 2.2 बिलियन डॉलर आंकी गई है। कंपनी एआई तकनीक के इस्तेमाल से कारोबारियों को उनके आंतरिक डेटा का विश्लेषण करने में मदद करती है।

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