ब्रिटेन की एक संस्था गांधीयन पीस सोसाइटी ने स्कॉटलैंड में बढ़ती हिंदू विरोधी भावनाओं (हिंदूफोबिया) पर चिंता जाहिर करते हुए सरकार से अपील की है। उनका कहना है कि पढ़ाई, नौकरी और सरकारी कामकाज में भेदभाव के खिलाफ कानूनों को और मजबूत किया जाए। साथ ही, सोसाइटी ने ये भी सुझाव दिया है कि हेल्थ वर्कर्स, पुलिस और सरकारी अफसरों समेत सभी सरकारी कर्मचारियों को 'कलचरल कॉम्पिटेंसी ट्रेनिंग' दी जाए जिससे धार्मिक भेदभाव खत्म हो सके। यानी उन्हें अलग-अलग धर्मों और संस्कृतियों के लोगों के साथ पेश आने का सही तरीका सिखाया जाए।
गांधीयन पीस सोसाइटी ने एक रिपोर्ट जारी की है। इसका नाम है ‘स्कॉटलैंड में हिंदूफोबिया: समझना, निपटना और पूर्वाग्रह को दूर करना’। इस रिपोर्ट में स्कॉटलैंड में हिंदू समुदाय के सामने आ रही मुश्किलों को दिखाया गया है। रिपोर्ट के लेखक सोसाइटी के जनरल सेक्रेटरी ध्रुव कुमार हैं। इसमें आंकड़े दिए गए हैं और हिंदू समुदाय के लोगों के साथ हुए भेदभाव के अनुभव भी बताए गए हैं। साथ ही, स्कॉटलैंड के धार्मिक सहिष्णुता से जुड़े कानूनों और नीतियों की भी गहराई से जांच की गई है।
हिंदूफोबिया से लड़ने के लिए गांधीयन पीस सोसाइटी ने अपनी रिपोर्ट में कई अहम सुझाव दिए हैं:
गांधीयन पीस सोसाइटी के जनरल सेक्रेटरी और पूर्व सांसद प्रत्याशी ध्रुव कुमार ने कहा, 'स्कॉटलैंड में हिंदूफोबिया बेहद चिंताजनक हैं। ये दिखाती हैं कि हिंदू समुदाय को काम की जगहों और स्कूलों समेत जिंदगी के कई पहलुओं में कितनी मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है।' उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि हिंदुओं का स्कॉटलैंड में बहुत बड़ा योगदान है। धार्मिक असहिष्णुता को रोकने के लिए तुरंत कदम उठाने की जरूरत है।
रिपोर्ट में आखिर में ये मांग की गई है कि सरकार ऐसी नीतियां बनाएं जिनसे हाशिये पर धकेले गए समुदायों की आवाज सुनी जा सके। भेदभाव से बचाव के लिए और आपसी सम्मान बढ़ाने के लिए कड़े कदम उठाए जाएं।
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