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अमेरिका में रिश्वतखोरी के आरोप लगने के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट

आरोप है कि अडाणी ने सोलर एनर्जी सप्लाई कांट्रेक्ट के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से ज्यादा की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी। इन सौदों से अनुमानित रूप से लगभग 20 वर्षों में टैक्स के बाद 2 बिलियन डॉलर से अधिक का मुनाफा होने वाला था।

गौतम अडाणी पर रिश्वतखोरी के आरोपों के बाद उनके ग्रुप के सभी शेयर गुरुवार सुबह धड़ाम हो गए। / REUTERS/Amir Cohen/File Photo

अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स द्वारा उद्योगपति गौतम अडाणी और अन्य पर करोड़ों डॉलर की रिश्वत देने और निवेशकों से इसे छिपाने के आरोप लगने के बाद गुरुवार को अडाणी ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट आई। अडाणी ग्रुप की मुख्य लिस्टेड कंपनी में भारी नुकसान हुआ। इसके दूसरे पब्लिकली ट्रेडेड बिजनेस में भी शेयरों की बिकवाली हुई। अडाणी पावर के शेयर 11 प्रतिशत, अडाणी एंटरप्राइजेज और अडाणी एनर्जी सॉल्यूशन्स के शेयर 20 प्रतिशत तक गिर गए। सबसे ज्यादा नुकसान अडानी ग्रीन एनर्जी सॉल्यूशंस के शेयर में देखने को मिला। इसमें 20 फीसदी का लोअर सर्किट लगा।

वहीं, अडाणी ग्रुप की ग्रीन एनर्जी सब्सिडियरी ने गुरुवार को बताया कि उसने डॉलर में होने वाली बॉन्ड सेल को रद्द कर दिया है। अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स द्वारा लगाए गए आरोप के बाद यह अडाणी ग्रुप का पहला बयान है। अडाणी ग्रीन एनर्जी के बयान में कहा गया है, 'इन घटनाक्रमों को देखते हुए, हमारी सब्सिडियरी कंपनियों ने अभी डॉलर में होने वाली बॉन्ड ऑफरिंग को आगे नहीं बढ़ाने का फैसला किया है।'

अमेरिकी प्रॉसिक्यूटर्स का आरोप है कि अडाणी ने सोलर एनर्जी सप्लाई कांट्रेक्ट के लिए भारतीय अधिकारियों को 250 मिलियन डॉलर से ज्यादा की रिश्वत देने पर सहमति जताई थी। इन सौदों से अनुमानित रूप से लगभग 20 वर्षों में करों के बाद 2 बिलियन डॉलर से अधिक का मुनाफा होने वाला था। इस मामले में अडाणी समेत कई आरोपियों में से किसी को भी हिरासत में नहीं लिया गया है। 

अडाणी ग्रुप की रिन्यूएबल एनर्जी सब्सिडियरी ने एक बयान में माना कि अडाणी और बोर्ड के दो अन्य सदस्यों पर आरोप लगे हैं। अडाणी ग्रीन एनर्जी ने कहा कि उसने 'इन घटनाक्रमों के मद्देनजर' एक नियोजित बॉन्ड सेल को रोकने का फैसला किया है, लेकिन आरोपों पर और कोई टिप्पणी नहीं की। 

अमेरिकी अटॉर्नी ब्रायन पीस ने एक बयान में कहा कि गौतम अडाणी और बोर्ड के दो अन्य सदस्यों पर अरबों डॉलर के अनुबंध हासिल करने के लिए भारतीय सरकारी अधिकारियों को रिश्वत देने की एक विस्तृत योजना बनाने का आरोप है। उन्होंने आगे कहा कि तीनों ने 'अमेरिकी और अंतरराष्ट्रीय निवेशकों से पूंजी जुटाने के लिए रिश्वत योजना के बारे में झूठ बोला।'

कोयला, एयरपोर्ट, सीमेंट और मीडिया तक फैले अपने कारोबारी साम्राज्य के साथ, अडाणी ग्रुप पहले भी कॉरपोरेट धोखाधड़ी के आरोपों का सामना कर चुका है और पिछले साल भी शेयरों में इसी तरह की गिरावट देखी गई थी। शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोप के बाद अडाणी ग्रुप के शेयरों में बड़ी गिरावट आई थी। गौतम अडाणी ने हिंडनबर्ग के आरोपों का खंडन किया और कहा कि इसकी रिपोर्ट शॉर्ट-सेलर्स के फायदे के लिए उनकी छवि को नुकसान पहुंचाने का 'जानबूझकर किया गया प्रयास' था। हालांकि रिपोर्ट जारी होने के दो हफ्तों के भीतर उनकी कुल संपत्ति में लगभग 60 बिलियन डॉलर की कमी आई।

अडाणी को प्रधानमंत्री मोदी का करीबी माना जाता है। विपक्षी दलों का दावा है कि उनके रिश्ते ने उन्हें अनुचित रूप से व्यवसाय में तरक्की करने और उचित निगरानी से बचने में मदद की है। भारत की प्रमुख विपक्षी पार्टी कांग्रेस पार्टी के नेता जयराम रमेश ने गुरुवार को कहा कि नया आरोप अडाणी के बारे में संसदीय जांच की उनकी मांग को सिद्ध करता है। 

 

 

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