अमेरिका के राष्ट्रपति चुनाव में कमला हैरिस के साथ अपनी पहली डिबेट में डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा की गई टिप्पणी पर जर्मनी ने तीखी आलोचना की है। जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने आप्रवासियों पर पालतू जानवर खाने का आरोप लगाने वाले ट्रम्प के झूठे दावे का मजाक उड़ाया है।
रिपब्लिकन प्रत्याशी ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक उम्मीदवार कमला हैरिस के साथ अपनी पहली प्रेसिडेंशियल डिबेट में झूठा दावा करते हुए कहा था कि ओहियो स्प्रिंगफील्ड में कई हैतियन आप्रवासी अपने खाने के लिए लोगों के पालतू जानवरों को चुरा लेते हैं और पार्कों से वन्यजीव को ले जाते हैं।
ट्रम्प ने इसके अलावा ऊर्जा स्रोतों को लेकर जर्मनी पर भी टिप्पणी की थी। उन्होंने अमेरिका को विविध ऊर्जा स्रोतों की तरफ ले जाने के कमला हैरिस के आह्वान का जवाब देते हुए कहा था कि जर्मनी ने जीवाश्म ईंधन को छोड़ने की कोशिश की थी लेकिन नाकाम रहा।
ट्रम्प की इन टिप्पणियों का जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने एक्स पर एक पोस्ट में जवाब दिया। मंत्रालय ने कहा कि मानो या न मानो, लेकिन जर्मनी का एनर्जी सिस्टम 50% से अधिक नवीकरणीय ऊर्जा से चल रहा है और पूरी तरह कामयाब है। इसके अलावा हम नए कोयला और परमाणु संयंत्रों का निर्माण नहीं कर रहे हैं बल्कि उन्हें बंद कर रहे हैं। इनकी बदौलत जर्मनी में 2038 तक कोयले को ग्रिड से बाहर कर दिया जाएगा।
जर्मनी के विदेश मंत्रालय ने ट्रम्प की पालतू जानवरों वाली टिप्पणी का मजाक उड़ाते हुए अपनी पोस्ट में आगे लिखा- याद रहे: हम बिल्लियों और कुत्तों को भी नहीं खाते हैं। #Debate2024 ग्रीन्स पार्टी द्वारा संचालित इकोनमी मिनिस्ट्री ने विदेश मंत्रालय की इस पोस्ट को रीट्वीट करते हुए कहा: कोयले से चलने वाले नए बिजली प्लांट? बिल्कुल नहीं!
Like it or not: Germany’s energy system is fully operational, with more than 50% renewables. And we are shutting down – not building – coal & nuclear plants. Coal will be off the grid by 2038 at the latest. PS: We also don’t eat cats and dogs. #Debate2024 pic.twitter.com/PiDO98Vxfo
— GermanForeignOffice (@GermanyDiplo) September 11, 2024
बता दें कि जर्मनी के चांसलर ओलाफ स्कोल्ज़ ने इससे पहले जुलाई में कमला हैरिस को एक सक्षम और अनुभवी राजनेता बताकर तारीफ की थी। उन्होंने कहा कि था कि वह ऐसी नेता हैं, जो वास्तव में जानती हैं कि वह क्या कर रही हैं और इस तरह वह अमेरिकी चुनाव जीत सकती हैं। हालांकि ओलाफ ने सीधे तौर पर हैरिस का समर्थन नहीं किया था।
जर्मनी इससे पहले 2017-21 में ट्रम्प के राष्ट्रपति कार्यकाल में भी उनके गुस्से का शिकार बना था। इसकी वजह अमेरिका के साथ ट्रेड सरप्लस और रक्षा पर कम खर्च था। अब ट्रम्प ने दूसरी बार राष्ट्रपति बनने पर आयात पर हाई टैरिफ लगाने और नाटो गठबंधन के सदस्यों के लिए अमेरिकी समर्थन को सशर्त बनाने की कसम खाई है जो रक्षा पर जीडीपी का 2% खर्च करते हैं। जर्मन अधिकारियों ने कहा है कि वे इस साल 2% लक्ष्य को पूरा करने की उम्मीद करते हैं।
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
Comments
Start the conversation
Become a member of New India Abroad to start commenting.
Sign Up Now
Already have an account? Login